सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की शक्तियों का विस्तार किया | Current Affairs | Vision IAS
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सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की शक्तियों का विस्तार किया

Posted 18 Dec 2024

8 min read

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी को NIA अधिनियम, 2008 के तहत अनुसूचित अपराधों से संबंधित गैर-अनुसूचित अपराधों की जांच करने का भी अधिकार है।

  • NIA अधिनियम, 2008 में उन अनुसूचित अपराधों की श्रेणियों को निर्धारित किया गया है जिनकी NIA जांच कर सकती है।
  • इनमें परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962, विमान अपहरण प्रतिबंधक विरोधी अधिनियम, 1982, सार्क कन्वेंशन (आतंकवाद दमन) अधिनियम, 1993, गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 आदि के तहत उल्लिखित आपराधिक कृत्य भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के बारे में

  • यह एक केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है। इसे 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मद्देनजर NIA अधिनियम, 2008 के तहत स्थापित किया गया है। 
  • मुख्यालय: नई दिल्ली में है। दो क्षेत्रीय कार्यालय गुवाहाटी और जम्मू में हैं।
  • सौंपे गए कार्य: भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता, अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों आदि को प्रभावित करने वाले NIA अधिनियम, 2008 की अनुसूची में निर्धारित अपराधों की जांच करना।

NIA को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदम

  • NIA संशोधन अधिनियम, 2019: NIA के कार्यक्षेत्र को मानव तस्करी, प्रतिबंधित हथियारों के विनिर्माण/ बिक्री, साइबर आतंकवाद आदि से संबंधित अपराधों तक बढ़ा दिया गया है।
    • NIA के कार्यक्षेत्र को भारत की सीमाओं से परे अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ा दिया गया है।
  • आतंकवाद के वित्त-पोषण और जाली भारतीय मुद्रा नोटों (FICN) की जांच के लिए NIA को केंद्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
  • बिग डेटा एनालिटिक्स के लिए नेशनल टेरर डेटा फ्यूजन एंड एनालिसिस सेंटर (NTDFAC) की स्थापना की गई है।
  • Tags :
  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी
  • NIA अधिनियम, 2008
  • FICN
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