एक हालिया नई स्टडी में गर्म होते महासागरों की वजह से पहली बार इतनी अधिक संख्या में कशेरुकी जीवों (Vertebrate) की मृत्यु को रिकॉर्ड किया गया है। यह घटना जलवायु परिवर्तन के त्वरित और गहन प्रभावों को दर्शाती है।
मरीन हीटवेव (MHW) के बारे में
- परिभाषा: मरीन हीटवेव चरम मौसम की परिघटना है। जब किसी विशेष क्षेत्र में समुद्री जल सतह का तापमान कम-से-कम पांच दिनों तक औसत तापमान से 3 या 4 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाता है, तो उसे मरीन हीटवेव कहते हैं।
- मरीन हीटवेव कई हफ्तों, महीनों या सालों तक चल सकती है।
- मरीन हीटवेव के लिए निम्नलिखित दो कारक जिम्मेदार हैं:
- समुद्री सतह पर ताप का प्रवाह या स्थानांतरण (Surface heat flux): आसपास के वायुमंडल के गर्म होने से समुद्री जल का तापमान बढ़ता है। यह स्थिति किसी समुद्री जल क्षेत्र के ऊपर लंबे समय तक वायुमंडलीय उच्च दाब बने रहने की वजह से उत्पन्न होती है।
- इस परिघटना की वजह से समुद्री सतह का उथला जल ही गर्म होता है और यह कम अवधि वाली होती है।
- अभिवहन (Advection): समुद्री धाराओं द्वारा किसी क्षेत्र में गर्म जल को लाने से भी मरीन हीटवेव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसमें अधिक गहराई तक समुद्री जल गर्म हो जाता है और यह लंबी अवधि वाली हीटवेव होती है।
- समुद्री सतह पर ताप का प्रवाह या स्थानांतरण (Surface heat flux): आसपास के वायुमंडल के गर्म होने से समुद्री जल का तापमान बढ़ता है। यह स्थिति किसी समुद्री जल क्षेत्र के ऊपर लंबे समय तक वायुमंडलीय उच्च दाब बने रहने की वजह से उत्पन्न होती है।

मरीन हीटवेव के प्रभाव
- पारिस्थितिकी-तंत्र पर प्रभाव: मरीन हीटवेव के कारण बड़ी संख्या में केल्प और कोरल जैसी प्रजातियों की मृत्यु हो जाती है। गौरतलब है कि केल्प और कोरल कॉलोनियां बड़ी संख्या में समुद्री जीवों को आश्रय प्रदान करती हैं। इनके नष्ट होने से पारिस्थितिकी-तंत्र की उत्पादकता बाधित होती है।
- प्रजातियों पर प्रभाव: खाद्य श्रृंखला में ऊपरी-पोषी-स्तर (Upper-trophic-level) की प्रजातियों की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा, प्रजातियों की मृत्यु दर भी बढ़ जाती है और प्रभावित क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रजातियां विलुप्त हो जाती हैं।
- प्रजातियों का स्थानांतरण: किसी क्षेत्र की देशज प्रजातियां ठंडे जल की ओर पलायन कर जाती हैं। इनका स्थान समुद्री अर्चिन और जेलीफ़िश जैसी आक्रामक प्रजातियां ले लेती हैं।
- हानिकारक शैवाल प्रस्फुटन परिघटना (Harmful algal bloom): उच्च तापमान और ऑक्सीजन की कमी से क्षेत्र में हानिकारक शैवालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो जाती है। इसे हानिकारक शैवाल प्रस्फुटन परिघटना कहा जाता है।
- चरम मौसम का बढ़ना: मरीन हीटवेव की वजह से अधिक प्रबल और अधिक संख्या में उष्णकटिबंधीय चक्रवात एवं हरिकेन जैसी चरम मौसम की परिघटनाएं उत्पन्न होती हैं।
मरीन हीटवेव की संख्या:
|