केर्च जलसंधि में तूफान से क्षतिग्रस्त तेल टैंकरों से तेल का रिसाव हुआ है। इसकी वजह से ‘माजुत’ (Mazut) नामक हजारों टन भारी-ईंधन तेल समुद्र में फैल गया।
तेल प्रदूषण के बारे में
- तेल प्रदूषण वास्तव में जहाजों, विशेष रूप से टैंकरों, समुद्री प्लेटफॉर्म्स और पाइपलाइनों से तेल का दुर्घटनावश या इरादतन रिसाव है।
- समुद्री पर्यावरण में तेल का रिसाव प्राकृतिक स्रोतों से और भूमि स्रोतों से भी हो सकता है।
- तेल रिसाव के भूमि स्रोतों में शामिल हैं- अनुपचारित सीवेज और वर्षा जल प्रवाह, नदियों का प्रदूषित जल, तटीय रिफाइनरी, तेल भंडारण सुविधाएं आदि।
- तेल खारे पानी पर तैरता है और जल की सतह पर तेजी से फैलकर एक पतली परत बनाता है। इसे ‘तेल की परत’ (Oil slick) कहा जाता है।
तेल प्रदूषण के प्रभाव
- पर्यावरण पर प्रभाव:
- जैव विविधता के लिए खतरा: समुद्री स्तनधारी, मछलियां, कछुए और समुद्री-पक्षी जैसे जीव विषाक्तता, हाइपोथर्मिया, डूबने, श्वास मार्ग को नुकसान, इन्सुलेट क्षमता कम होने जैसे खतरों का सामना करते हैं।
- तटीय और समुद्री पर्यावासों पर प्रभाव: प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ्स) का विकास अवरुद्ध हो जाता है और उन पर विषाक्तता का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मैंग्रोव, दलदल और समुद्री घास को या तो नुकसान पहुंचता है या वे नष्ट हो जाते हैं।
- सामाजिक आर्थिक प्रभाव:
- मात्स्यिकी को नुकसान: तेल रिसाव से मत्स्य उत्पादन कम हो जाता है। इससे तटीय आबादी की आजीविका प्रभावित होती है।
- इंसानों के स्वास्थ्य पर प्रभाव: तेल प्रदूषण के प्रत्यक्ष संपर्क में आने, तेल प्रदूषण वाले वातावरण में सांस लेने और प्रदूषित समुद्री खाद्य पदार्थ खाने से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
तेल रिसाव को साफ करने के लिए उपचारात्मक उपाय
- बायो-रेमेडिएशन: दूषित पदार्थों को नष्ट करने के लिए सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जा सकता है। इनके उदाहरण हैं- आयलजैपर और आयलिवोरस-एस।
- बूम और स्कीमर: बूम वास्तव में तैरते या भौतिक अवरोध होते हैं, जो तेल के फैलाव को धीमा करते हैं। वहीं, स्कीमर नावें हैं, जो जल की सतह पर फैले तेल को हटाती हैं।
- सोरबेंट्स: तेल को सोखने के लिए बड़े स्पंज इस्तेमाल किए जाते हैं।
तेल प्रदूषण को रोकने या जवाबदेही पर कानून और कन्वेंशन
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