इंडस्ट्री 4.0 से आशय “स्मार्ट” और कनेक्टेड उत्पादन प्रणालियों से है, जिन्हें वास्तविक दुनिया को समझने, पूर्वानुमान करने और इससे अंतर्क्रिया करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- दूसरे शब्दों में कहें तो इंडस्ट्री 4.0 विनिर्माण प्रक्रिया का डिजिटल रूपांतरण है। इसमें दक्षता और उत्पादकता में सुधार करने के लिए इंटेलिजेंट प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाता है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- भारत में इंडस्ट्री 4.0 अपनाने की स्थिति: इस मामले में ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रक सबसे आगे हैं। वहीं प्रौद्योगिकी को अपनाने में टेक्सटाइल, धातु और खनन क्षेत्रकों को कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
- भारत में इंडस्ट्री 4.0 के प्रमुख चालक
- इंडस्ट्री 4.0 अपनाने में भारत के लिए अनुकूल पक्ष कार्यबल का कौशल विकास, डिजिटल अवसंरचना और संधारणीयता है।
- विनिर्माण प्रक्रिया को संधारणीय बनाने से ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग पर विश्व के उपभोक्ताओं और विनियामक संस्थाओं की अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद मिल रही है।
- इंडस्ट्री 4.0 अपनाने में भारत के लिए अनुकूल पक्ष कार्यबल का कौशल विकास, डिजिटल अवसंरचना और संधारणीयता है।
- इंडस्ट्री 4.0 को अपनाने में बाधाएं
- जागरूकता की कमी: कई MSMEs को इंडस्ट्री 4.0 को अपनाने की लागत के बदले इससे मिलने वाले लाभों के बारे में समझ की कमी है।
- तकनीकी बाधाएं:
- पुरानी प्रक्रियाओं को छोड़ने की अनिच्छा: कई संगठनों को विनिर्माण प्रक्रिया को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
- डेटा एकीकरण: पुराने सिस्टम में बिग डेटा के प्रबंधन में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- साइबर अटैक का खतरा: डिजिटल प्रौद्योगिकी से जुड़ने से साइबर अटैक का खतरा बढ़ने की आशंका भी संगठनों को नई तकनीकों को अपनाने से रोक रही है।
- वित्तीय बाधाएं: नई तकनीकों को अपनाने में शुरुआत में अधिक निवेश की जरुरत पड़ती है। साथ ही, इन तकनीकों के रखरखाव की लागत भी कम नहीं है। शुरुआती निवेश के लिए फंड आसानी से नहीं मिलता है।
- मानव संसाधन से संबंधित चुनौतियां: तकनीक में कुशल श्रमिकों की कमी है। इसके अलावा, नई तकनीकों को अपनाने का पारंपरिक रूप से समाज में विरोध किया जाता है।
आगे की राह
- वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVCs) का लाभ उठाना चाहिए। ये MSMEs को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए असीमित अवसर प्रदान करती हैं।
- डिजिटल तकनीक को अपनाने की व्यापक रणनीतियां बनाई जानी चाहिए। इन्हें अलग-अलग चरणों में लागू करने के लिए रोडमैप तैयार करना चाहिए।
- ध्यान देने योग्य अन्य क्षेत्र:
- AI और ऑटोमेशन जैसी मुख्य तकनीकों को अपनाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए;
- कार्यबल के कौशल विकास में निवेश बढ़ाना चाहिए, आदि।
इंडस्ट्री 4.0 हेतु सरकारी सहायता और नीतिगत उपाय
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