भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार वर्ष को 2011-12 से संशोधित कर 2022-23 करने के लिए 18 सदस्यीय कार्य समूह गठित किया है।
- भारत में आधार वर्ष पहली बार 1942 में अपनाया गया था। तब 1939 को आधार वर्ष अपनाया गया था। तब से आधार वर्ष में 7 सशोधनों के द्वारा नए आधार वर्ष शामिल किए गए। ये 7 नए आधार वर्ष हैं- 1952-53, 1961-62, 1970-71, 1981-82, 1993-94, 2004-05 और 2011-12.
कार्य समूह के विचारार्थ विषय
- यह कार्य-समूह भारत की अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए WPI और उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) की कमोडिटी बास्केट में बदलाव का सुझाव देगा। साथ ही, यह आधार वर्ष को संशोधित करके 2022-23 करने पर भी विचार करेगा।
- गणना पद्धति: कार्य-समूह को WPI या PPI के लिए अपनाई जाने वाली गणना पद्धति पर भी विचार करना है। साथ ही, इसे गणना पद्धति की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए भी सुझाव देना है।
- उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI): यह कार्य समूह PPI तैयार करने के लिए पद्धति का पता लगाएगा और सुधारों पर सुझाव देगा।
- कार्य-समूह को WPI की जगह PPI अपनाने के लिए रोडमैप की सिफारिश करने का भी कार्य सौंपा गया है।
- अन्य कार्य: कार्य समूह को वस्तुओं के मूल्य में समय के साथ परिवर्तन को मापने और लिंकिंग फैक्टर गणना पद्धति की समीक्षा करने व उसमें बदलाव पर भी सुझाव देना है।
- लिंकिंग फैक्टर टाइम सीरीज डेटा में निरंतरता बनाए रखने में मदद करता है और WPI की पुरानी व नई श्रृंखला के साथ तुलना करने में सहायता करता है।
