भारत की स्वदेशी सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली ने विश्व की पहली दो रोबोटिक कार्डियक सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। देश की स्वदेशी सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली SSI मंत्रा है। मंत्रा ने केवल 40 मिलीसेकंड की विलंबता के साथ टेलीसर्जरी के माध्यम से रोबोटिक कार्डियक सर्जरी संपन्न की है।
- टेलीसर्जरी में सर्जन हाई-स्पीड वाले डेटा कनेक्शन की मदद से किसी भी स्थान से रोबोटिक्स और कैमरों का उपयोग करके ऑपरेशन कर सकते हैं।
SSI मंत्रा के बारे में
- यह टेलीसर्जरी और टेली-प्रॉक्टोरिंग के लिए विनियामकीय स्वीकृति प्राप्त करने वाली दुनिया की एकमात्र रोबोटिक प्रणाली है।
- हाल ही में, इसे औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी।
- CDSCO, भारत सरकार द्वारा गठित एक केंद्रीय विनियामक संस्था है।
- हाल ही में, इसे औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी।
- इसने रोबोटिक बीटिंग हार्ट टोटली एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बाईपास (TECAB) का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। इसे हृदय संबंधी सबसे जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं में से एक माना जाता है।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रक में रोबोटिक्स के अन्य महत्वपूर्ण उपयोग
- सुरक्षा और निगरानी रोबोट: टेलीप्रेजेंस सिस्टम, कंप्यूटर विज़न तकनीक का उपयोग करके रोगी की स्थिति की निगरानी करते हैं।
- रोबोटिक कृत्रिम अंग: एडवांस रोबोटिक कृत्रिम अंग दिव्यांगजनों की गतिशीलता और कार्यक्षमता में सुधार करते हैं। उदाहरण के लिए रोबोटिक अंग और एक्सोस्केलेटन।
- स्वच्छता और कीटाणुशोधन रोबोट: ये रोबोट पहचाने गए क्षेत्रों की सफाई के लिए पराबैंगनी-C (UV-C) प्रकाश या हाइड्रोजन पेरोक्साइड वेपर (HPV) का उपयोग करते हैं।
- मेडिकल ट्रांसपोर्टेशन रोबोट: मरीजों को आवश्यक सामग्री की आपूर्ति, दवाएं, भोजन आदि उपलब्ध कराते हैं।
संबंधित चुनौतियां: उच्च प्रारंभिक लागत; जटिल रोबोटिक प्रणालियों को संचालित करने के लिए जरूरी कौशल व प्रशिक्षण का अभाव; नैतिक चिंताएं (संभावित त्रुटियों के लिए कौन उत्तरदायी होगा), रोगी का विश्वास, आदि।
स्वास्थ्य सेवा में रोबोटिक्स को शामिल करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पहलें
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