यह रिपोर्ट भूमि, जल और तटीय क्षेत्रों के संरक्षण के लिए OECMs के माध्यम से महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करती है।
- OECM पद पहली बार 2010 में जैव विविधता कन्वेंशन (CBD) द्वारा स्थापित आईची जैव विविधता लक्ष्य में प्रस्तुत किया गया था। इसकी आधिकारिक परिभाषा को CBD ने 2018 में CoP-14 में अपनाया था।

अदर इफेक्टिव एरिया-बेस्ड कंजर्वेशन मेजर्स (OECMs) के बारे में
- परिभाषा: ये संरक्षित क्षेत्रों के अलावा अन्य भौगोलिक क्षेत्र होते हैं।
- इसका संचालन/ प्रबंधन जैव विविधता के स्व-स्थाने (इन-सिटू) संरक्षण के लिए दीर्घकालिक परिणाम प्राप्त करने हेतु किया जाता है। इनके तहत संबद्ध पारिस्थितिकी-तंत्र के कार्यों और सेवाओं का संरक्षण किया जाता है। साथ ही, जहां तक संभव हो स्थानीय रूप से सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक-आर्थिक तथा अन्य प्रासंगिक घटकों का संरक्षण करना भी शामिल होता है।
- संरक्षित क्षेत्र के रूप में स्थापित या संरक्षित क्षेत्र के भीतर आने वाले क्षेत्र को OECM के रूप में चिन्हित/ रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी।
- यह वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के लक्ष्य 3 को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। इस लक्ष्य के तहत 2030 तक स्थलीय व अंतर्देशीय जल क्षेत्र और तटीय एवं समुद्री क्षेत्रों का कम-से-कम 30% संरक्षण करना निर्धारित किया गया है।
- इनका संचालन सरकारी एजेंसी, निजी समूह (जैसे NGOs), देशज लोगों, स्थानीय समुदायों या साझा व्यवस्था द्वारा किया जा सकता है।
OECMs, संरक्षित क्षेत्रों से किस प्रकार अलग हैं?
- संरक्षित क्षेत्रों का प्रबंधन किसी निर्धारित क्षेत्र के भीतर जैव विविधता संरक्षण के प्राथमिक उद्देश्य से किया जाता है, जैसे लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए पर्यावासों का संरक्षण करना।
- इसके विपरीत, OECMs को अलग-अलग उद्देश्यों के लिए प्रबंधित किया जा सकता है, जैसे संरक्षण संबंधी परिणामों को हासिल करते हुए सांस्कृतिक या ऐतिहासिक महत्त्व वाले क्षेत्रों को संरक्षित करना।