यह निर्णय इस खनिज ब्लॉक क्षेत्र में स्थित अरिट्टापट्टी जैव विविधता विरासत स्थल (BHS) को संरक्षित करने के लिए लिया गया है।
- मदुरै जिले में स्थित अरिट्टापट्टी तमिलनाडु का पहला BHS है। यह पारिस्थितिकी और ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध स्थल है। इसमें 2,200 वर्ष पुराने शैल कर्तित मंदिर, महापाषाणकालीन संरचनाएं, तमिल ब्राह्मी में शिलालेख आदि स्थित हैं।
जैव विविधता विरासत स्थल (BHS) के बारे में
- परिभाषा: जैव विविधता विरासत स्थल (BHS) विशिष्ट पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील पारिस्थितिकी-तंत्र वाले क्षेत्रों को कहा जाता है। इनमें कोई एक या अधिक घटक शामिल होते हैं (इन्फोग्राफिक देखें)।
- भारत में पहला BHS: नल्लूर इमली उपवन, बेंगलुरु (2007)।
- वर्तमान स्थिति: भारत में 47 BHS (दिसंबर 2024 तक) हैं।
- कानूनी प्रावधान: जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 37 के तहत, राज्य सरकार स्थानीय निकायों के परामर्श से जैव विविधता के नजरिए से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को BHS के रूप में अधिसूचित कर सकती है।
- राज्य सरकार, केंद्र सरकार के परामर्श से BHS के प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए नियम बना सकती है।
- प्रबंधन: इनका प्रबंधन जैव विविधता प्रबंधन समिति (BMC) या BMC की अनुपस्थिति में प्रासंगिक स्थानीय निकाय द्वारा निर्धारित अन्य उपयुक्त संस्था द्वारा किया जाता है।
- जैव विविधता अधिनियम, 2002 के तहत राज्य में प्रत्येक स्थानीय निकाय को जैव विविधता के संरक्षण, उनके संधारणीय उपयोग और दस्तावेजीकरण को बढ़ावा देने के लिए अपने क्षेत्र में एक जैव विविधता प्रबंधन समिति का गठन करना अनिवार्य है।
- निगरानी: यह कार्य राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति द्वारा किया जाता है।
- सामान्यतः प्रस्तावित जैव विविधता विरासत स्थल (BHS) के आसपास या भीतर रहने वाले समुदायों पर उनके पारंपरिक तरीकों या प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है।
