नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) की घोषणा केंद्रीय बजट, 2024-25 में की गई थी।
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) की मुख्य विशेषताएं
- उद्देश्य: भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल) परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करने तथा संसाधन संपन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- लागत: इस मिशन के अंतर्गत 16,300 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा। साथ ही, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा 18,000 करोड़ रुपये का अपेक्षित निवेश भी शामिल है।
- अन्वेषण: देश के भीतर और अपतटीय (विदेशी) क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण संबंधी गतिविधियों में तेजी लाना।
- इसमें शामिल हैं: मूल्य श्रृंखला के सभी चरण- जिनमें खनिज अन्वेषण, खनन, सज्जीकरण (Beneficiation), प्रोसेसिंग, तथा अपनी उपयोग अवधि की समाप्ति के चरण वाले उत्पादों से उपयोगी सामग्री की पुनर्प्राप्ति भी शामिल हैं।
- सज्जीकरण (Beneficiation): इसके तहत खनिजों से अशुद्धियों को हटाकर उसकी गुणवत्ता में वृद्धि की जाती है।
- वित्तीय प्रोत्साहन: महत्वपूर्ण खनिज अन्वेषण के लिए दिया जाएगा।
- समन्वय: संबंधित मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी कंपनियों और अनुसंधान संस्थानों आदि के साथ।
- अन्य: मिनरल प्रोसेसिंग पार्क व उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना; महत्वपूर्ण खनिजों का पुनर्चक्रण; परियोजनाओं के लिए त्वरित विनियामक अनुमोदन; महत्वपूर्ण खनिजों का भंडार विकसित करना आदि।

NCMM की आवश्यकता क्यों है?
- महत्वपूर्ण खनिजों के संदर्भ में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और आयात पर अपनी निर्भरता को कम करना।
- आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देना और क्लीन एनर्जी ट्रांजीशन को सक्षम बनाना।
महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल) के बारे में
- महत्वपूर्ण खनिज के बारे में: खान मंत्रालय के अनुसार आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक खनिज को महत्वपूर्ण खनिज कहा जाता है।
- इनकी सीमित उपलब्धता या केवल कुछ भौगोलिक स्थानों में निष्कर्षण या प्रोसेसिंग का संकेन्द्रण आपूर्ति श्रृंखला की सुभेद्यताओं और व्यवधानों को जन्म दे सकता है।
- केंद्र सरकार ने देश के लिए 30 महत्वपूर्ण खनिजों की सूची जारी की है। इनमें कोबाल्ट, तांबा, जर्मेनियम, लिथियम, टंगस्टन जैसे कुछ खनिज शामिल हैं।
अन्य उपाय
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