उरुग्वे दौर की वार्ता (1986-94) की समाप्ति के बाद 1994 में 123 देशों ने मराकेश (मोरक्को) में “मराकेश समझौते” पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते से ही 1995 में एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में WTO की स्थापना हुई थी। WTO ने “प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT)” की जगह ली है।
- उल्लेखनीय है कि GATT 1948 से विश्व व्यापार को विनियमित कर रहा था।
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के बारे में
- यह राष्ट्रों के बीच व्यापार के नियमों को लागू करने वाला विश्व स्तर का एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- WTO का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि वैश्विक व्यापार यथासंभव सुचारू, पूर्वानुमानित और स्वतंत्र रूप से संचालित हो।
- सदस्य: भारत सहित 166 सदस्य हैं। ये देश वैश्विक व्यापार के 98% हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- संस्थागत संरचना
- मंत्रिस्तरीय सम्मेलन निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।
- विवाद समाधान निकाय (DSB) व्यापार संबंधी विवादों का निपटान करता है।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है।
WTO की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- व्यापार-संबंधी निवेश उपायों पर समझौता (TRIMS): सदस्य देश कोई भी ऐसा उपाय लागू नहीं कर सकते, जो विदेशी उत्पादों के प्रति भेदभाव करता हो या जो WTO सिद्धांतों के अंतर्गत मात्रात्मक प्रतिबंधों की ओर ले जाता हो। उदाहरण के लिए- स्थानीय सामग्री संबंधी आवश्यकताएं।
- बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं पर समझौता (TRIPS): यह बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े व्यापार संबधी विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- कृषि पर समझौता (AoA): यह कृषि व्यापार के उदारीकरण पर ध्यान केंद्रित करता है। साथ ही, कृषि उत्पादकों के लिए बाजार पहुंच और घरेलू समर्थन से संबंधित उपबंधों को शामिल करता है।
- अन्य:
- सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी उपायों पर समझौता (SPS),
- सेवाओं में व्यापार पर सामान्य समझौता (GATS), तथा
- प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौता (GATT)।
