इसरो ने महेंद्रगिरि स्थित प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में विकास लिक्विड इंजन के पुनः चालू होने (रीस्टार्ट) की क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।
- यह प्रक्षेपण यान के विभिन्न चरणों को पुनः प्राप्त करने की प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भविष्य के प्रक्षेपण यानों को दुबारा उपयोग में लाने की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और अंतरिक्ष मिशनों की लागत में भी काफी कमी आएगी।
‘विकास (विक्रम अंबालाल साराभाई)’ इंजन के बारे में
- इसे इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया है।
- LPSC इसरो के प्रक्षेपण यानों के लिए लिक्विड प्रोपल्शन स्टेज के डिजाइन, विकास और निर्माण का प्रमुख केंद्र है।
- यह इंजन इसरो के प्रक्षेपण यानों के विभिन्न लिक्विड स्टेजेज को शक्ति प्रदान करता है।
- यह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV), जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल (GSLV) और GSLV Mk-III जैसे प्रक्षेपण यानों की पेलोड क्षमता को भी बढ़ावा देगा।
PSLV (तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान) के बारे में
- यह लिक्विड स्टेजेज वाला पहला भारतीय प्रक्षेपण यान है।
- यह चार चरणों वाला एक प्रक्षेपण यान है। यह एक से अधिक उपग्रह को प्रक्षेपित कर उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित कर सकता है।
- PSLV का दूसरा चरण ‘विकास’ इंजन द्वारा संचालित होता है। इसमें ईंधन के रूप में अनसिमिट्रिकल डाई-मिथाइल हाइड्राजीन (UDMH) और ऑक्सिडाइजर के रूप में नाइट्रोजन टेट्रा-ऑक्साइड (N2O4) का उपयोग किया जाता है।
GSLV के बारे में
- यह तीन चरणों वाला एक प्रक्षेपण यान है। इसका तीसरा और अंतिम चरण क्रायोजेनिक इंजन से संचालित होता है। इसका उपयोग उपग्रहों को जियो ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए किया जाता है।
- इसका दूसरा चरण ‘विकास’ इंजन द्वारा संचालित होता है।
