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यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (पूर्ववर्ती UNCTAD) की एक रिपोर्ट द्वारा खाद्य असुरक्षा को कम करने और अकाल को रोकने में व्यापार की भूमिका की जांच की गई

Posted 10 Jan 2025

12 min read

रिपोर्ट में खाद्य असुरक्षा के विभिन्न कारणों का विश्लेषण किया गया है। साथ ही, इसमें बताया गया है कि किस प्रकार व्यापार इन चुनौतियों से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

व्यापार की भूमिका

  • संधारणीय आपूर्ति से खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित हो सकती है: उदाहरण के लिए अफ्रीका की 30% अनाज की जरूरतें आयात के जरिए पूरी होती हैं।
  • कीमतों और बाजारों को स्थिर करना: उदाहरण के लिए- रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ब्लैक सी पहल ने खाद्य एवं उर्वरक निर्यात को सुविधाजनक बनाया था। यह पहल संयुक्त राष्ट्र व तुर्किये की मध्यस्थता में संपन्न हुई थी। 

चुनौतियां

  • उच्च लागत: उदाहरण के लिए, गैर-टैरिफ उपाय (जैसे- सैनिटरी मानक) खाद्य आयात लागत को 20% तक बढ़ा देते हैं।
  • आयात पर अत्यधिक निर्भरता: इससे देशों को वैश्विक मूल्य वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
  • परिवहन की बढ़ती लागत: इसका विकासशील एवं अल्पविकसित देशों पर प्रतिकूल रूप से प्रभाव पड़ता है।

सिफारिशें

  • WTO जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर "गंभीर खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिए अल्पकालिक निर्यात सुविधा तंत्र" पर वार्ता करनी चाहिए।  
  • व्यापार बाधाओं को कम करना चाहिए और खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे देशों की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना चाहिए। 
  • विशेष रूप से कम आय वाले देशों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को छोटा करने और वैश्विक व्यवधानों के प्रति उनकी सुभेद्यताओं को कम करने के लिए बंदरगाहों, परिवहन नेटवर्क तथा भंडारण सुविधाओं जैसी व्यापार संबंधी अवसंरचना में निवेश करना चाहिए। 
  • विकासशील देशों में जलवायु-स्मार्ट और संधारणीय खेती का समर्थन करना चाहिए। 

फैक्टशीट

  • 2023 में 280 मिलियन से अधिक लोगों को अत्यधिक भुखमरी का सामना करना पड़ा था। वहीं लगभग 733 मिलियन लोगों को चिरकालिक भुखमरी (Chronic hunger) का सामना करना पड़ा था।
  • तत्काल कार्रवाई के बिना, 2030 तक 582 मिलियन लोग चिरकालिक भुखमरी से पीड़ित होंगे।

वैश्विक भुखमरी के लिए उत्तरदायी कारक

  • सशस्त्र संघर्ष: वर्ष 2022 में 20 देशों में लगभग 5 मिलियन लोग सशस्त्र संघर्ष के कारण प्रभावित हुए थे। 
  • जलवायु परिवर्तन: इसके कारण 1961 से अब तक कृषि उत्पादकता में 21% की कमी आई है।
  • शहरीकरण: यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच विभाजन को खत्म कर रहा है। इससे कृषि खाद्य प्रणालियां प्रभावित हो रही हैं। 
  • Tags :
  • यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट
  • पूर्ववर्ती UNCTAD
  • खाद्य उपलब्धता
  • गंभीर खाद्य असुरक्षा
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