इस रिपोर्ट में प्रभावशाली पहलों पर प्रकाश डाला गया है, जैसे कि भारत में स्वास्थ्य देखभाल सेवा क्षेत्रक में ड्रोन का उपयोग तथा किस प्रकार नवाचार वैश्विक चुनौतियों से निपट सकते हैं आदि।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- इस वर्ष अनुसंधान से संबंधित और प्रभाव डालने वाले सात मुख्य विषयगत क्षेत्र हैं: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग की शुरुआत; कृषि; स्वास्थ्य और जैव प्रौद्योगिकी; एनर्जी ट्रांजिशन; आदि।
- चौथी औद्योगिक क्रांति के प्रभाव
- बेहतर परिवहन प्रणाली: सऊदी अरब में राष्ट्रीय परिवहन प्रणाली में ऑटोनॉमस मोबिलिटी को एकीकृत करने से यातायात दुर्घटनाओं में कमी आई है, परिवहन की दक्षता में सुधार हुआ है और रोजगार भी उत्पन्न हुए हैं।
- वैकल्पिक प्रोटीन पहल: इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पादपों से प्राप्त प्रोटीन और लैब में विकसित प्रोटीन स्रोतों जैसे नवाचारों को प्रोत्साहित करना है।
- किसानों के जीवन में सुधार करना: तेलंगाना में सागु बागू पायलट प्रोग्राम में 7,000 मिर्च उत्पादक शामिल थे। इस प्रोग्राम ने दिखाया है कि कृषि प्रौद्योगिकी किसानों की आय में काफी सुधार ला सकती है तथा कृषि के पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम कर सकती है।
औद्योगिक क्रांति 4.0 के लिए भारत द्वारा शुरू की गई पहलें
- भारत के लिए AI 2030 पहल: इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुरू किया है।
- कृषि नवाचार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI4AI): इसे विश्व आर्थिक मंच और कृषि मंत्रालय की साझेदारी में शुरू किया गया है।
- नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम (NM-ICPS): इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने उभरते क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स, मानव संसाधन और कौशल को बढ़ाने के लिए शुरू किया है।
