राज्य सरकार को वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के क्षेत्रों में वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 के तहत निर्धारित समुदायों के वन अधिकारों के कथित उल्लंघन की जांच करने का निर्देश दिया गया है।
वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 के बारे में
- इसे अनुसूचित जनजाति (STs) एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के रूप में पारित किया गया है।
- उद्देश्य: वनों में रहने वाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत वनवासियों के वन भूमि पर उनके वन अधिकारों एवं वन भूमि में अधिभोग को मान्यता देना।
- वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अधिकारों के प्रकार
- व्यक्तिगत अधिकार: स्वयं खेती करने और निवास करने का अधिकार।
- सामुदायिक अधिकार:
- चराई, मछली पकड़ना और वनों में मौजूद जल निकायों का उपयोग करना;
- विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के लिए आवास अधिकार;
- बौद्धिक संपदा और पारंपरिक ज्ञान पर सामुदायिक अधिकार;
- संधारणीय उपयोग के लिए किसी सामुदायिक वन संसाधन की सुरक्षा, पुनरुद्धार या संरक्षण या प्रबंधन का अधिकार।
- ग्राम सभा की भूमिका: ग्राम सभा को वन अधिकारों की प्रकृति और सीमा निर्धारित करने की प्रक्रिया आरंभ करने का अधिकार है।
- राज्य सरकारों की भूमिका: राज्य सरकारों को अधिनियम को लागू करने का काम सौंपा गया है। ये राज्य स्तरीय निगरानी समिति, जिला स्तरीय समितियों और उप-मंडल स्तरीय समितियों का गठन करती हैं।
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के बारे में
|