ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC), व्यापारियों और ग्राहकों के लिए एक सार्वजनिक ऑनलाइन नेटवर्क है। यह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को आपस में जुड़ने और अंतर-संचालन की अनुमति देता है।

ONDC के बारे में
- नोडल मंत्रालय: वाणिज्य मंत्रालय के तहत उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) इसका नोडल मंत्रालय है।
- लॉन्च: इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के अंतर्गत एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में 2021 में निगमित किया गया था।
- उद्देश्य: भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र का लोकतंत्रीकरण करना।
- संस्थापक सदस्य: भारतीय गुणवत्ता परिषद और प्रोटीन ई-गॉव टेक्नोलॉजीज लिमिटेड।
- कार्यप्रणाली: ONDC ओपन-सोर्स पद्धतियों और प्रोटोकॉल्स का उपयोग करता है। यह पूरे भारत में विक्रेताओं, खरीदारों और सेवा प्रदाताओं, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए एक समान अवसर उपलब्ध कराता है। यह किसी विशेष प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र है।
- महत्त्व: इससे मूल्य निर्धारण में सुधार होता है और उपभोक्ताओं की विविध सेवा प्रदाताओं से सेवाएं प्राप्त होती हैं।
- आवश्यकता क्यों है: भारत में 12 मिलियन से अधिक विक्रेता विक्रय या पुनर्विक्रय पर निर्भर हैं, लेकिन केवल 0.125% ही ई-कॉमर्स का उपयोग करते हैं।
- प्रमुख निवेशक: SBI, ICICI Bank, NSE, आदि।
ONDC के मुख्य घटक
- विकेंद्रीकृत संरचना: ONDC पारंपरिक प्लेटफॉर्म्स के विपरीत ई-कॉमर्स सेवाओं का स्वामित्व या संचालन नहीं करता है। यह इंटरकनेक्टिविटी के लिए एक सक्षमकर्ता के रूप में कार्य करता है।
- ओपन प्रोटोकॉल्स: खुले मानकों के आधार पर, ONDC यह सुनिश्चित करता है कि ई-कॉमर्स बाजार में वस्तुओं के क्रेता और विक्रेता चाहे किसी भी प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हों, लेन-देन कर सकते हैं।
- भूमिका का पृथक्करण: स्पष्टता के लिए क्रेता एप्लिकेशन, विक्रेता एप्लिकेशन और लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं जैसी भूमिकाओं को परिभाषित करता है।