ये दिशा-निर्देश केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय (FAH&D) द्वारा जारी किए गए हैं।
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) को भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा 2014-15 से क्रियान्वित किया जा रहा है।
- इस मिशन को वित्त वर्ष 2021-22 में संशोधित और पुनर्गठित किया गया था, ताकि मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्रक की मौजूदा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
NLM-परिचालन दिशानिर्देश 2.0 के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

- उद्देश्य: यह एक अम्ब्रेला डेवलपमेंट प्रोग्राम है। इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- उद्यमिता को बढ़ावा देना,
- प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि करना, तथा
- मांस, दूध (बकरी, ऊंट, गधा, भेड़ ), अंडे और ऊन के उत्पादन को बढ़ावा देना।
- उप-घटक:
- पशुधन और कुक्कुट के नस्ल सुधार पर उप-मिशन;
- पशुधन आहार और चारा (फीड एंड फ़ॉडर) विकास पर उप-मिशन;
- अनुसंधान एवं विकास, पशुधन बीमा, विस्तार और नवाचार पर उप-मिशन।
- वित्त-पोषण: इसमें केन्द्र प्रायोजित घटक और केन्द्रीय वित्तीय सहायता घटक शामिल हैं।
भारत में पशुधन क्षेत्रक की स्थिति
- भारत में विश्व की सर्वाधिक पशुधन आबादी मौजूद है।
- भारत विश्व स्तर पर दूध उत्पादन में पहले, अंडा उत्पादन में दूसरे तथा मांस उत्पादन में पांचवें स्थान पर है।
- कुल कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रक के सकल मूल्य वर्धन (GAV) में पशुधन क्षेत्रक का योगदान चालू मूल्यों पर 2014-15 में 24.38% था। यह 2022-23 में बढ़कर 30.23% हो गया।