इस ट्रेन इंजन का पहला ट्रायल रन हरियाणा के जींद-सोनीपत मार्ग पर आयोजित होगा।
- यह इंजन भारतीय रेलवे द्वारा स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। इसकी क्षमता 1,200 हॉर्स पावर है।
- दुनिया में केवल 4 देशों (जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन) में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें हैं। इन ट्रेनों में 500 से 600 हॉर्स पावर वाले ट्रेन इंजन हैं।
स्वच्छ ईंधन के रूप में हाइड्रोजन
- हाइड्रोजन एक स्वच्छ और बहुपयोगी ऊर्जा संसाधन है। इसका उपयोग करके परिवहन, उद्योग और बिजली उत्पादन क्षेत्रकों को कार्बन मुक्त बनाया जा सकता है।
- हाइड्रोजन ऊर्जा के प्रकार
- ब्लू हाइड्रोजन: इसे स्टीम मीथेन रिफॉर्मिंग प्रक्रिया द्वारा प्राकृतिक गैस से प्राप्त किया जाता है। इसमें प्राकृतिक गैस को बहुत गर्म भाप के साथ एक उत्प्रेरक की उपस्थिति में मिलाया जाता है। इस प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड भी एक बाय-प्रोडक्ट (उपोत्पाद) के रूप में उत्पन्न होती है।
- ग्रे हाइड्रोजन: यह भी स्टीम मीथेन रिफॉर्मिंग (SMR) प्रक्रिया के माध्यम से प्राकृतिक गैस से उत्पादित होती है। इस प्रक्रिया में उच्च मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जित होती है।
- ग्रीन हाइड्रोजन: इसे किसी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (जैसे पवन व सौर ऊर्जा) द्वारा उत्पादित विद्युत का उपयोग करके जल के विद्युत अपघटन (electrolysis) के माध्यम से उत्पादित किया जाता है। इस प्रक्रिया में हानिकारक बाय-प्रोडक्ट उत्पन्न नहीं होते हैं।
- पिंक हाइड्रोजन: यह परमाणु ऊर्जा द्वारा संचालित विद्युत अपघटन प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हाइड्रोजन ईंधन है।
हाइड्रोजन ऊर्जा के लाभ
- प्रचुर मात्रा में उपलब्ध: हाइड्रोजन, ब्रह्मांड के द्रव्यमान का लगभग 75% है।
- स्वच्छ ऊर्जा: फ्यूल सेल में उपयोग किए जाने पर बाय-प्रोडक्ट के रूप में केवल जल प्राप्त होता है।
- ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में यह अत्यधिक प्रभावी ऊर्जा संसाधन है।
मुख्य चुनौतियां
- वर्तमान में हाइड्रोजन फ्यूल उत्पादित करने में अधिक खर्च करना पड़ता है;
- हाइड्रोजन का भंडारण और परिवहन अधिक जटिल है। चूंकि, यह उच्च ज्वलनशील है, इसलिए अधिक सुरक्षा बरतनी होती है, आदि।
भारत में हाइड्रोजन फ्यूल हेतु शुरू की गई पहलें
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