संयुक्त राज्य अमेरिका एंटिटी लिस्ट
संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रतिबंधित कंपनियों की सूची वाली अपनी ‘एंटिटी लिस्ट’ से तीन भारतीय संस्थाओं को हटा दिया है।
- ये भारतीय संस्थाएं हैं- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR) और इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (IREL)।
- यह कदम 2008 में हस्ताक्षरित भारत-अमेरिका परमाणु सहयोग समझौते को नया जीवन दे सकता है।
अमेरिकी ‘एंटिटी लिस्ट’ के बारे में
- इसमें कुछ विदेशी व्यक्ति, व्यवसाय, अनुसंधान संस्थान, सरकारी संगठन आदि सूचीबद्ध हैं।
- इस सूची में शामिल एंटिटी को कुछ निर्दिष्ट सामग्रियों के व्यापार के लिए विशेष लाइसेंस लेना पड़ता है।
- यहां लाइसेंस का अर्थ यह है कि जिन साम्रगियों का व्यापार किया जाएगा वे सामग्रियां आतंकवाद, सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) कार्यक्रम आदि के उपयोग में नहीं आएंगी।
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- अमेरिका एंटिटी लिस्ट
- BARC
- IGCAR
- भारत-अमेरिका परमाणु सहयोग समझौते
भारत रणभूमि दर्शन
रक्षा मंत्रालय ने अपनी 'रणक्षेत्र पर्यटन' (Battlefield Tourism) योजना के तहत ‘भारत रणभूमि दर्शन वेबसाइट और ऐप’ लॉन्च किए हैं।
- यह वेबसाइट और ऐप रण-क्षेत्रों की यात्राओं के लिए सूचना प्राप्त करने एवं मंजूरी देने के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेंगे। रण क्षेत्रों की यात्राओं में वर्चुअल टूर और ऐतिहासिक गाथाएं शामिल होंगी।
- भारतीय सेना ने पर्यटन मंत्रालय के साथ मिलकर कुछ अन्य सीमा स्थलों को शॉर्टलिस्ट किया है, जहां अतीत में सैन्य कार्रवाई हुई है या युद्ध हुए हैं।
- इनमें अरुणाचल प्रदेश में किबिथू और बुम ला दर्रा; लद्दाख में रेजांग-ला एवं पैंगोंग त्सो, तथा डोकलाम (2017 संघर्ष का स्थल) शामिल हैं।
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- पर्यटन मंत्रालय
- रणक्षेत्र पर्यटन
- वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म
- भारत रणभूमि दर्शन
शिकारी देवी वन्यजीव अभयारण्य
केंद्र सरकार ने शिकारी देवी वन्यजीव अभयारण्य के आसपास के क्षेत्र को इको-सेंसिटिव जोन (ESZ) के रूप में नामित किया है।
शिकारी देवी वन्यजीव अभयारण्य के बारे में
- अवस्थिति: यह हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हिमालय की मध्य ऊंचाई वाली श्रृंखला पर स्थित है।
- अभयारण्य का नाम देवी शिकारी देवी के नाम पर रखा गया है। अभयारण्य में देवी को समर्पित एक मंदिर भी है।
- जलनिकाय: जूनी ख़ुद। यह ब्यास नदी की एक सहायक नदी है।
- इसे बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है।
- वनस्पति: अल्पाइन चारागाह और शीतोष्ण पर्णपाती वन।
- जीव-जंतु: एशियाई काला भालू, तेंदुआ, बार्किंग डियर, विशाल उड़ने वाली गिलहरी आदि।
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- इको-सेंसिटिव जोन
- शिकारी देवी वन्यजीव अभयारण्य
- ESZ
- अभयारण्य
मेलानिस्टिक रॉयल बंगाल टाइगर
एक रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व (STR) में एक मेलानिस्टिक रॉयल बंगाल टाइगर का अवैध शिकार किया गया।
- गौरतलब है कि दुनिया में केवल सिमलीपाल टाइगर रिजर्व में ही मेलानिस्टिक बाघ पाए जाते हैं।
मेलानिस्टिक रॉयल बंगाल टाइगर के बारे में
- इन्हें ‘ब्लैक टाइगर’ भी कहा जाता है। हालांकि, यह बाघ की कोई अलग उप-प्रजाति नहीं है।
- ट्रांसमेम्ब्रेन एमिनोपेप्टिडेस क्यू (TAQPEP) जीन में एकल उत्परिवर्तन की वजह से ऐसे बाघों के शरीर पर अधिक काले रंग की या मोटी धारियां होती हैं।
- उन्हें ‘स्यूडो-मेलानिस्टिक’ भी कहा जाता है, क्योंकि उनके शरीर की सभी धारियां पूरी तरह से काली नहीं होती हैं।
- मेलानिज़्म की मुख्य वजह मेलेनिन के उत्पादन में वृद्धि है।
- मेलेनिन, मेलानोसाइट्स कोशिका द्वारा उत्पादित होता है। यह बालों, त्वचा और आईरिस का रंग निर्धारित करता है।
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- मेलानिस्टिक रॉयल बंगाल टाइगर
- ट्रांसमेम्ब्रेन एमिनोपेप्टिडेस क्यू
- TAQPEP
- सिमलीपाल टाइगर रिजर्व
- ब्लैक टाइगर
कंपाला घोषणा-पत्र
पोस्ट-मालाबो कम्प्रेहैन्सिव अफ्रीका एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम (CAADP) पर अफ्रीकी संघ (EU) का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया।
- 10-वर्षीय CAADP रणनीति और कार्य योजना; तथा अफ्रीका में लोचशील एवं टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों के निर्माण पर कंपाला CAADP घोषणा-पत्र अपनाया गया है।
कंपाला घोषणा-पत्र के बारे में
- कंपाला घोषणा-पत्र मालाबो घोषणा-पत्र की अनुवर्ती है। मालाबो घोषणा-पत्र को 2014 अपनाया गया था। मालाबो घोषणा-पत्र साझा समृद्धि और बेहतर आजीविका के लिए त्वरित कृषि विकास एवं परिवर्तन पर आधारित था।
- इसकी कार्यान्वयन अवधि 2026-2035 होगी।
- इसमें छह प्रतिबद्धताएं निर्धारित की गई हैं, जिनका उद्देश्य अफ्रीका में कृषि-खाद्य प्रणाली को बदलना और उसे मजबूत करना है।
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- कंपाला घोषणा-पत्र
- अफ्रीकी संघ
- कृषि-खाद्य प्रणाली
बॉडी मास इंडेक्स (BMI)
डायबिटीज फाउंडेशन इंडिया के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने 15 साल बाद भारत की “ओबेसिटी गाइडलाइंस” को अपडेट किया। इसमें "अधिक वजनी (Overweight)" की जगह ‘ओबेसिटी (मोटापा)-ग्रेड I’ और ‘ओबेसिटी (मोटापा)-ग्रेड-II’ श्रेणियों को शामिल किया गया है।
- 2009 की गाइडलाइंस पूरी तरह से BMI मानदंड पर आधारित थी।
बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के बारे में
- यह एक प्रकार का सांख्यिकीय सूचकांक है। इसका उपयोग किसी व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए उसकी लंबाई के अनुसार उसके वजन की सीमा निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
- किसी व्यक्ति के वजन (किलोग्राम में) को उसकी लंबाई (वर्ग मीटर में) से विभाजित करके इसकी गणना की जाती है।
- इंडेक्स की कमियां:
- शारीरिक बनावट में अंतर के बावजूद लैंगिक आधार पर ‘लीन बॉडी मास’ (वसा रहित) और ‘फैट मास’ के बीच अंतर नहीं करता है।
- पुरुषों में सामान्यतः महिलाओं की तुलना में अधिक ‘लीन बॉडी मास’ और कम ‘फैट मास’ होता है।
- यह शरीर में वसा के वितरण को नहीं मापता है।
- शारीरिक बनावट में अंतर के बावजूद लैंगिक आधार पर ‘लीन बॉडी मास’ (वसा रहित) और ‘फैट मास’ के बीच अंतर नहीं करता है।
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- बॉडी मास इंडेक्स
- BMI
- मोटापा
- अधिक वजन
- ओबेसिटी
ब्लू घोस्ट और रेजिलिएंस
हाल ही में, स्पेसएक्स फाल्कन-9 प्रक्षेपण यान ने अमेरिकी फायरफ्लाई एयरोस्पेस के ब्लू घोस्ट मिशन 1 और जापान की आईस्पेस कंपनी के रेजिलिएंस लूनर लैंडर को लॉन्च किया है।
ब्लू घोस्ट मिशन के बारे में
- यह नासा की वाणिज्यिक ‘लूनर पेलोड सेवा (CLPS)’ पहल के तहत चंद्रमा की सतह पर 10 साइंस-टेक उपकरण पहुंचाएगा।
- यह चंद्रमा की सतह पर पहली बार कई अध्ययन करेगा। इनमें रेगोलिथ सैंपल संग्रह, वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम क्षमता, विकिरण सहनशील कंप्यूटिंग का परीक्षण आदि शामिल हैं।
- साथ ही, यह चंद्रमा पर धूल की मात्रा को कम करने तथा इससे उपकरणों और अंतरिक्ष यात्रियों को होने वाले नुकसान को रोकने की प्रक्रिया का भी अध्ययन करेगा।
रेजिलिएंस के बारे में
- यह आईस्पेस के हकुतो-आर मून मिशन 2 का हिस्सा है। इसमें टेनेशियस (TENACIOUS) माइक्रो रोवर भी शामिल है।
- इसके कमर्शियल कस्टमर पेलोड में वाटर इलेक्ट्रोलाइजर उपकरण, डीप स्पेस रेडिएशन प्रोब आदि शामिल हैं।
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- ब्लू घोस्ट
- स्पेसएक्स फाल्कन-9
- हकुतो-आर मून मिशन 2
- लूनर लैंडर
- लूनर पेलोड सेवा
सियाचिन ग्लेशियर
रिलायंस जियो ने सियाचिन ग्लेशियर में 4जी और 5जी सेवाएं शुरू की।
सियाचिन ग्लेशियर के बारे में

- यह एक पीडमोंट प्रकार का ग्लेशियर है।
- यह ग्लेशियर काराकोरम रेंज (पश्चिम में साल्तोरो रिज और पूर्व में मुख्य काराकोरम रेंज के बीच) में स्थित है।
- यह ग्लेशियर इंदिरा कोल वेस्ट के पास है और मध्य एशिया व भारतीय उपमहाद्वीप के बीच सीमा बनाता है।
- यह विश्व का दूसरा सबसे लंबा गैर-ध्रुवीय ग्लेशियर है।
- पहला स्थान ताजिकिस्तान के फेडचेंको ग्लेशियर का है।
- यह ग्लेशियर नुब्रा नदी का जल स्रोत है। नुब्रा नदी श्योक नदी की सहायक नदी है। श्योक नदी सिंधु नदी प्रणाली का हिस्सा है।
- इसे दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
- 1984 में भारत ने ऑपरेशन मेघदूत के तहत इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था।
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- काराकोरम रेंज
- इंदिरा कोल वेस्ट
- नुब्रा नदी
- सियाचिन ग्लेशियर
- ऑपरेशन मेघदूत
- सिंधु नदी प्रणाली
- साल्तोरो रिज
- श्योक नदी