हमास और इजरायल के बीच 15 महीने तक चले संघर्ष के बाद युद्धविराम समझौता हुआ है।
वर्तमान संघर्ष की पृष्ठभूमि
- 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने "ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म" के तहत इजरायल पर एक बड़ा हमला किया था। यह हमला योम किप्पुर युद्ध (1973) की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया था।
- इसकी प्रतिक्रिया में इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध और उसके बाद गाजा में सैन्य अभियानों की घोषणा कर दी थी।
ऐतिहासिक संदर्भ

हमास और इजरायल के बीच मौजूदा संघर्ष की जड़ें फिलिस्तीनी क्षेत्र के विभाजन और अरबों द्वारा इजरायल को मान्यता नहीं देने से जुड़ी हुई हैं:
- फिलिस्तीन का विभाजन
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, बड़ी संख्या में यहूदी फिलिस्तीन चले गए थे और अपने लिए अलग राज्य की मांग करने लगे थे।
- 1947 में, संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को अरबों और यहूदियों के बीच विभाजित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। इसके कारण अरब और इजरायल के बीच 4 बड़े युद्ध हुए:
- यहूदियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करके 1948 में इजरायल की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी।
- अरबों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई युद्ध हुए।
- कैंप डेविड समझौता (1978) और इजरायल को मान्यता
- वर्ष 1973 का योम किप्पर या रमजान युद्ध चौथा अरब-इजरायल युद्ध था। इस युद्ध में एक तरफ इजरायल था तो दूसरी तरफ मिस्र और सीरिया के नेतृत्व में अरब देश थे।
- इस युद्ध के परिणामस्वरूप 1978 में कैंप डेविड समझौता हुआ। इस समझौते के तहत पहली बार किसी अरब देश ने इजरायल को एक ‘राज्य’ के रूप में मान्यता दी। समझौते के तहत इजरायल ने सिनाई प्रायद्वीप मिस्र को वापस लौटा दिया।
- 1993 का ओस्लो शांति समझौता और हमास द्वारा इजरायल को मान्यता देने का विरोध
- यह समझौता फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) और इजरायल के बीच हुआ था। इसके तहत PLO ने औपचारिक रूप से इजरायल को मान्यता दी थी तथा इजरायल ने फिलिस्तीनियों को गाजा और वेस्ट बैंक में सीमित स्वशासन की अनुमति दी थी। हालांकि, हमास, ओस्लो शांति समझौते (1993) का हिंसक तरीके से विरोध करता रहा है।
- PLO का गठन 1964 में किया गया था। यह संयुक्त राष्ट्र में एक गैर-सदस्य देश ‘फिलिस्तीन’ के नाम से फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व करता है।
- हमास एक उग्रवादी संगठन है। यह राजनीतिक रूप से गाजा पट्टी को नियंत्रित करता है। यह समूह इजरायल को राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं देता है।
- यह समझौता फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) और इजरायल के बीच हुआ था। इसके तहत PLO ने औपचारिक रूप से इजरायल को मान्यता दी थी तथा इजरायल ने फिलिस्तीनियों को गाजा और वेस्ट बैंक में सीमित स्वशासन की अनुमति दी थी। हालांकि, हमास, ओस्लो शांति समझौते (1993) का हिंसक तरीके से विरोध करता रहा है।