नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन | Current Affairs | Vision IAS
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    साथ ही खबरों में

    Posted 18 Jan 2025

    35 min read

    नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन

    हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (UNEP) के एक अध्ययन में पाया गया कि 2022 में नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन विस्फोटों के कारण रिकॉर्ड स्तर पर सबसे बड़ा मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन हुआ।

    नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के बारे में

    • नॉर्ड स्ट्रीम बाल्टिक सागर के नीचे रूस से जर्मनी तक की एक प्रमुख प्राकृतिक गैस पाइपलाइन है।
    • बाल्टिक सागर के माध्यम से नॉर्ड स्ट्रीम ट्विन पाइपलाइन प्रणाली रूस के व्यबोर्ग से जर्मनी के ग्रीफ्सवाल्ड के पास लुबमिन तक जाती है।
    • महत्त्व:
      • यह यूरोप, विशेष रूप से जर्मनी के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
      • यह ट्रांजिट देशों को बायपास करते हुए रूस से प्रत्यक्ष व विश्वसनीय गैस आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
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    कर्णाली पनबिजली परियोजना

    भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) ने नेपाल में अपर कर्णाली पनबिजली परियोजना के विकास के लिए एक संयुक्त उद्यम समझौते को अंतिम रूप दिया है।

    • कर्णाली नदी तिब्बत के माचा-खबाब से निकलती है। यह नेपाल से होकर बहती हुई भारत में घाघरा नदी में मिल जाती है।

    कर्णाली पनबिजली परियोजना के बारे में

    • यह पीकिंग रन-ऑफ-रिवर (PRoR) परियोजना है। इस परियोजना के तहत नेपाल से भारत और बांग्लादेश को बिजली निर्यात की जाएगी।
      • पीकिंग रन ऑफ द रिवर परियोजना एक प्रकार का पनबिजली प्लांट है। यह प्लांट बिजली उत्पन्न करने के लिए नदी के प्राकृतिक प्रवाह का उपयोग करता है।
      • इसमें बिजली उत्पादन के लिए बड़े बांध और जलाशय के निर्माण की जरूरत नहीं पड़ती है।
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    • IREDA

    विश्व रोजगार और सामाजिक परिदृश्य, 2025

    हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने अपनी “विश्व रोजगार और सामाजिक परिदृश्य: रुझान 2025” रिपोर्ट जारी की।

    रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

    • 2024 में वैश्विक बेरोजगारी दर 5% के स्तर पर बनी रही। आगे आर्थिक संवृद्धि दर मंद रहेगी तथा चुनौतियां बनी रहेंगी।
      • मंद होती वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण श्रम बाजारों के लिए कोविड-19 महामारी के प्रभाव से पूरी तरह उबरना मुश्किल सिद्ध हो रहा है। 
    • श्रम बाजार के समक्ष मुख्य चुनौतियां: 
      • भू-राजनीतिक तनाव, 
      • जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती लागत, और 
      • ऋण संकट का पूरी तरह समाधान नहीं होना। 

    ILO के बारे में

    • इसकी स्थापना 1919 में हुई थी। इसके 187 सदस्य हैं। 
    • मुख्यालय: जिनेवा (स्विट्जरलैंड)। 
    • यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय एजेंसी है। इसमें सरकार, नियोक्ता और श्रमिक, तीनों पक्षों के प्रतिनिधि शामिल हैं। 
    • यह संगठन इन सभी पक्षों के समन्वय से श्रम मानक और श्रम नीतियां बनाता है तथा सभी के लिए सम्मानजनक कार्य/ रोजगार सुनिश्चित करने को बढ़ावा देता है।
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    • विश्व रोजगार और सामाजिक परिदृश्य
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    न्यूरोमोर्फिक डिवाइस

    भारतीय वैज्ञानिकों ने एक न्यूरोमोर्फिक डिवाइस विकसित किया है।

    न्यूरोमोर्फिक डिवाइस के बारे में

    • न्यूरोमोर्फिक डिवाइस बताता है कि मानव शरीर दर्द को कैसे महसूस करता है और उस पर कैसे प्रतिक्रिया करता है।
    • यह डिवाइस मानव शरीर की हैबिचुएशन प्रोसेस से प्रेरित है।
      • हमारे शरीर में नोसिसेप्टर्स नामक विशेष सेंसर दर्द को महसूस करते हैं और हानिकारक स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने में हमारी मदद करते हैं।
      • हैबिचुएशन प्रोसेस के तहत व्यक्ति वास्तव में बार-बार दिए जाने वाले दर्द का आदी हो जाता है और इसके प्रति कम प्रतिक्रिया देता है।
    • लाभ: यह तकनीक धारण करने योग्य डिवाइसेज को अधिक टेक-स्मार्ट बनाती है, और मानव-मशीन के संपर्क में सुधार करती है।
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    • न्यूरोमोर्फिक डिवाइस
    • हैबिचुएशन प्रोसेस

    कूका विद्रोह (1872)

    हाल ही में कूका आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। 

    कूका आंदोलन के बारे में

    • कूका आंदोलन 1849 के बाद स्थापित ब्रिटिश राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ पंजाब में पहली बड़ी प्रतिक्रिया थी। 
    • यह नामधारी आंदोलन का एक महत्वपूर्ण चरण था। इस आंदोलन की स्थापना 1857 में भैनी साहिब में सतगुरु राम सिंह ने की थी।
      • राम सिंह ने नामधारियों से सभी ब्रिटिश वस्तुओं और सेवाओं का बहिष्कार करने का आग्रह किया था। नामधारियों को "कूका" के नाम से भी जाना जाता है। कूका पंजाबी में "कूक" कहे जाने वाले गुरबाणी के ऊंचे स्वर में पाठ करने वालों कहा जाता है।  
      • उन्होंने कूकाओं को संगठित किया और नवयुवकों को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान किया।
    • आंदोलन ने अधीनता के बारे में जागरूकता बढ़ाई, सविनय अवज्ञा को बढ़ावा दिया और प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में हाथ से काती गई सफेद पोशाक पहनने को प्रोत्साहित किया।
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    • कूका विद्रोह
    • नामधारी आंदोलन

    कोकबोरोक भाषा

    त्रिपुरा 'कोकबोरोक' भाषा के विकास के लिए लैंगुएज मैपिंग कर रहा है।

    कोकबोरोक भाषा के बारे में

    • "कोकबोरोक" शब्द कोक (अर्थ मौखिक) और बोरोक (अर्थ लोग या मानव) से मिलकर बना है।
    • यह देबबर्मा (त्रिपुरी) रियांग, जमातिया, नोआतिया, कलाई, रूपिनी, मुरसिंग, उचोई आदि समुदायों की मातृभाषा है।
    • इसे त्रिपुरा की राजकीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।
    • यह चीनी-तिब्बती भाषा परिवार का हिस्सा है।
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    • कोकबोरोक भाषा
    • चीनी-तिब्बती भाषा परिवार
    • त्रिपुरा की राजकीय भाषा

    राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

    हाल ही में, भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 प्रदान किए।

    राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की 6 श्रेणियां

    • मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (1991-92): 4 वर्षों की अवधि के दौरान खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किया जाता है। 
    • अर्जुन पुरस्कार (1961): 4 वर्षों की अवधि के दौरान खेलों में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। 
    • द्रोणाचार्य पुरस्कार (1985): यह प्रशिक्षकों (कोच) के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान है।
    • मेजर ध्यानचंद पुरस्कार (2002): खेल में आजीवन उपलब्धियों के लिए देश का सर्वोच्च सम्मान है।
    • राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार (2009): यह पिछले 3 वर्षों में खेल को बढ़ावा देने और उनके विकास के क्षेत्र में भूमिका निभाने के लिए संगठनों/ कॉर्पोरेट्स (निजी व सार्वजनिक) तथा व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है।
    • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी (1956-57): यह पुरस्कार किसी संस्था/ विश्वविद्यालय को पिछले एक वर्ष में अंतर-विश्वविद्यालय टूर्नामेंट्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
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    • राष्ट्रीय खेल पुरस्कार
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    रत्नागिरी

    हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ओडिशा के रत्नागिरी में उत्खनन के दौरान प्राचीन बौद्ध कलाकृतियां मिलीं हैं।

    • इन कलाकृतियों में बुद्ध का सिर और बौद्ध अवशेष जैसी कलाकृतियां शामिल हैं।

    रत्नागिरी के बारे में

    • यह स्थल सम्राट अशोक के कलिंग (प्राचीन ओडिशा) पर आक्रमण के बाद से ही बौद्ध धर्म के प्रभाव में आ गया था।
    • इसे विशेष रूप से महायान और तंत्रयान (वज्रयान) बौद्ध धर्म के अध्ययन के केंद्र के रूप में नालंदा के समकक्ष माना जाता है।
      • रत्नागिरी, ललितगिरी और उदयगिरि मिलकर ओडिशा के बौद्ध केंद्रों का डायमंड ट्रायंगल बनाते हैं।
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    • रत्नागिरी
    • बौद्ध कलाकृतियां
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