मंत्रालय ने 605 GI टैग के मौजूदा लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु देखरेख के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है। यह लक्ष्य एक समग्र सरकार दृष्टिकोण के माध्यम से हासिल किया जाएगा।
भौगोलिक संकेतक (GI) टैग के बारे में
- परिभाषा: GI एक ऐसा चिह्न है, जिसका उपयोग उन उत्पादों के लिए किया जाता है, जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है। साथ ही, इन उत्पादों की अपनी उत्पत्ति के कारण गुण या प्रतिष्ठा भी होती है।
- कवरेज: इसका उपयोग कृषिगत, प्राकृतिक या विनिर्मित वस्तुओं की पहचान करने के लिए किया जाता है।
- अवधि: 10 वर्ष और इसे नवीनीकृत भी किया जा सकता है।
- प्रासंगिकता: यह किसी उत्पाद के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ कानूनी संरक्षण प्रदान करता है, निर्यात को बढ़ावा देता है, गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, आदि।
- विनियमन/ मान्यता
- वैश्विक:
- इसे औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस कन्वेंशन के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार (IPRs) के रूप में मान्यता दी गई है।
- यह ट्रिप्स/ TRIPS (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलू) समझौते के अंतर्गत भी शामिल है।
- भारत:
- यह वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत विनियमित है।
- पंजीकरण: भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्रार (RGI) द्वारा।
- नोडल विभाग/ मंत्रालय: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग।
- वैश्विक:
भारत में GI
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