केंद्र सरकार के अनुसार नवंबर 2024 तक 4.1 करोड़ से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं।
- गौरतलब है कि सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत जनवरी 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान’ के तहत हुई थी।
- इस योजना का उद्देश्य पूरे भारत में लड़कियों की आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।
सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में
- यह भारत सरकार की एक ‘लघु बचत योजना’ है। यह विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा और विवाह संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए शुरू की गई है।
- कार्यान्वयन मंत्रालय: केंद्रीय वित्त मंत्रालय।
- खाता खोलने के लिए पात्रताएं:
- किसी भी लड़की के नाम से उसकी 10 साल की आयु तक सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है।
- खाता डाकघर या वाणिज्यिक बैंकों में खोला जा सकता है।
- प्रत्येक लड़की के नाम पर केवल एक सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है।
- एक माता-पिता केवल दो लड़कियों के नाम से सुकन्या समृद्धि खाता खोल सकते हैं।
- जमा की जाने वाली राशि:
- न्यूनतम जमा राशि: 250 रुपये।
- एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं।
- खाते का प्रबंधन: जब तक लड़की 18 वर्ष की नहीं हो जाती है, तब तक खाता अभिभावक द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
- जमा राशि पर देय ब्याज: वर्तमान में ब्याज दर 8.2% है।
- जमा राशि की निकासी:
- उच्चतर शिक्षा के उद्देश्य से 18 वर्ष की आयु में 50% धनराशि निकालने की अनुमति है।
- यदि 18 वर्ष की आयु के बाद लड़की की शादी होती है, तो खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।
- मैच्योरिटी: खाता खोलने की तारीख से 21 वर्षों के बाद सुकन्या समृद्धि खाता मैच्योर हो जाता है।
- सुकन्या समृद्धि की मुख्य उपलब्धि: कई गांवों में, 10 साल तक की सभी पात्र लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं। इन गांवों को पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम का दर्जा दिया गया है।