इसका उद्देश्य ग्रामीण विकास, PVTGs छात्रावासों (स्कूलों), पेयजल आदि पर ध्यान केंद्रित करते हुए जिलों में सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करके योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाना है।
पीएम जनमन (प्रधान मंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) के बारे में
- आरंभ: इसे 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था।
- फोकस क्षेत्र और मंत्रालय: 9 संबंधित मंत्रालयों/ विभागों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेप।
- उद्देश्य: पक्के मकानों के निर्माण, मोबाइल चिकित्सा इकाइयों की तैनाती, स्वास्थ्य व आरोग्य केंद्रों और वन धन विकास केंद्रों की स्थापना आदि के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में विकास संबंधी कमियों को दूर करना।
- बजट आवंटन: तीन वर्षों (2023-24 से 2025-26 तक) के लिए लगभग 24,000 करोड़ रुपये।
- कवरेज: अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (DAPST) के अंतर्गत।
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के समक्ष चुनौतियां
- संरचनात्मक भेदभाव: PVTGs को अक्सर “आदिम” माना जाता है और उन्हें "प्रतिकूल" नजरिये से देखा जाता है।
- भूमि हस्तांतरण: PVTGs अक्सर भूमि और वन संसाधनों से वंचित हो जाते हैं तथा उन्हें बंधुआ मजदूरी करने के लिए मजबूर किया जाता है। वन अधिकार अधिनियम (2006) के अनुचित कार्यान्वयन के कारण PVTGs अक्सर भूमि अधिकारों से वंचित रह जाते हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे: PVTGs को उच्च शिशु एवं मातृ मृत्यु दर, कुपोषण और एनीमिया का सामना करना पड़ता है।
- शिक्षा संबंधी बाधाएं: शिक्षा प्रणालियों में उनके सांस्कृतिक ज्ञान को शामिल नहीं किया गया है।
जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने हेतु उठाए गए कदम
- संविधान का अनुच्छेद 275(1): यह अनुसूचित जनजातियों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष भारत की संचित निधि से अनुदान सहायता की गारंटी देता है।
- प्रधान मंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA): चयनित आदिवासी बहुल गांवों में सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना।
- प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY): महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले गांवों को आदर्श गांवों में बदलना।
PVTGs के बारे में
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