हालांकि, एक संघीय न्यायाधीश ने अस्थायी रूप से इस कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दी है, इस आदेश द्वारा माता-पिता की आव्रजन स्थिति की परवाह किए बिना जन्मसिद्ध नागरिकता की संवैधानिक गारंटी को समाप्त कर दिया गया था।
अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता के बारे में

- परिभाषा: जन्मसिद्ध नागरिकता अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन (1868) के तहत एक प्रावधान है। यह प्रावधान अमेरिका में जन्मे किसी भी व्यक्ति को स्वतः नागरिकता प्रदान करता है।
- ऐतिहासिक संदर्भ: संयुक्त राज्य अमेरिका बनाम वोंग किम आर्क (1898) निर्णय में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैर-नागरिक माता-पिता के बच्चों के लिए भी इसे बरकरार रखा गया है।
अमेरिकी जन्मसिद्ध नागरिकता की समाप्ति के भारत पर प्रभाव
- H-1B वीज़ा धारकों पर प्रभाव: H-1B वीजा पर भारत से अमेरिका काम करने गए लोगों (पेशेवरों) के जन्मे बच्चे, या ग्रीन कार्ड मिलने की प्रतीक्षा कर रहे बच्चे अब स्वतः नागरिकता के लिए पात्र नहीं होंगे।
- ज्ञातव्य है कि ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है।
- H-1B वीज़ा: यह एक अस्थायी वीज़ा है, जो नियोक्ताओं को विदेशी पेशेवरों को स्नातक डिग्री वाली जॉब्स के लिए भर्ती करने की अनुमति देता है।
- अस्थायी वीज़ा धारक: भारतीय छात्रों और अस्थायी वीज़ा पर रहने वाले परिवारों को अमेरिका में जन्मे अपने बच्चों के लिए अमेरिका की नागरिकता हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
- उल्लेखनीय है कि भारतीय छात्र अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के सबसे बड़े समूहों में से एक हैं।
- आप्रवास पर प्रभाव: यह कदम भारतीय पेशेवरों, छात्रों आदि को अमेरिका में बसने से हतोत्साहित करेगा और उन्हें कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे आप्रवास-हितैषी देशों की ओर रुख करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- “बर्थ टूरिज्म” पर अंकुश: इससे विशेष रूप से महिलाओं द्वारा बच्चे को जन्म देने के लिए अमेरिका की यात्रा करने संबंधी प्रवृत्तियों पर रोक लगेगी। इस तरह से अमेरिका में जन्में बच्चों के लिए अमेरिका की नागरिकता का दावा किया जा सकता था।