इन 10 नए उत्पादों को शामिल करने के साथ ही ई-नाम प्लेटफॉर्म पर उत्पादों की संख्या 231 तक पहुंच गई है। इन नए उत्पादों में चने का आटा, सूखी तुलसी की पत्तियां, ड्रैगन फ्रूट, आदि शामिल हैं।
- इस निर्णय से किसान उत्पादक संगठनों (FAOs) को मूल्य-वर्धित उत्पादों (जैसे- हींग, भुने हुए चने का आटा, आदि) के विपणन में भी मदद मिलेगी।
ई-नाम (e-NAM) के बारे में

- ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो मौजूदा APMC मंडियों को आपस में जोड़ता है। साथ ही, कृषि उत्पादों के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करता है।
- लॉन्च: इसे 2016 में लॉन्च किया गया था।
- कार्यान्वयन एजेंसी: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत लघु कृषक कृषि व्यापार संघ।
- यह कोई समानांतर विपणन प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि यह मौजूदा APMC मंडियों की भौतिक अवसंरचनाओं का उपयोग करता है।
- कृषि उपज बाजार समितियां (Agricultural Produce Market Committees: APMCs): ये कृषि उपज बाजार विनियमन अधिनियम, 1963 के तहत बनाए गए राज्य APMC अधिनियमों द्वारा शासित होती हैं। ये अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती हैं।
- APMC मंडियों को ई-नाम के साथ एकीकृत करने के लिए संबंधित राज्य को APMC अधिनियम में अग्रलिखित 3 सुधार करने होते हैं। ये हैं- सिंगल ट्रेडिंग लाइसेंस (एकीकृत); बाजार शुल्क का एकल बिंदु पर संग्रहण; तथा मूल्य निर्धारण के तरीके के रूप में ई-नीलामी/ ई-ट्रेडिंग।
ई-नाम के लाभ
- बाजार तक पहुंच में सुधार: यह क्रेताओं और विक्रेताओं के बीच सूचना संबंधी असंतुलन को दूर करता है।
- रियल टाइम में मूल्य खोज: यह वास्तविक मांग और आपूर्ति के आधार पर होता है।
- पारदर्शिता: उपज की गुणवत्ता के आधार पर नीलामी प्रक्रिया और समय पर ऑनलाइन भुगतान।