संविधान का अनुच्छेद 200 | Current Affairs | Vision IAS
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    Posted 08 Feb 2025

    37 min read

    संविधान का अनुच्छेद 200

    सुप्रीम कोर्ट ने प्रश्न किया कि क्या राज्यपाल किसी विधेयक को सहमति न देने के बाद भी उसे अनुच्छेद 200 के तहत राष्ट्रपति के लिए आरक्षित कर सकता है या नहीं।

    अनुच्छेद 200 के बारे में

    • राज्य विधान-मंडल द्वारा विधेयक पारित होने के बाद, राज्यपाल:
      • इस पर सहमति देता है,
      • सहमति नहीं देता है,
      • इसे राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित रखता है।
    • विधेयक को लौटाना: यदि यह धन विधेयक नहीं है, तो राज्यपाल इसे सिफारिशों के साथ लौटा सकता है। हालांकि, यदि इसे फिर से पारित किया जाता है, तो राज्यपाल को इसे मंजूरी देनी होगी।
    • राष्ट्रपति के लिए आरक्षित रखना: यदि विधेयक संबंधित हाई कोर्ट की शक्तियों को प्रभावित करता है, तो राज्यपाल को इसे अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजना होगा।
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    • अनुच्छेद 200
    • विधान-मंडल

    राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग

    राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने माओवादी हिंसा के कारण छत्तीसगढ़ से विस्थापित आदिवासियों के बारे में तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिशा से आंकड़े एकत्र करने को कहा है।

    राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) के बारे में

    • उत्पत्ति: इसे संविधान के अनुच्छेद 338A (89वें संशोधन अधिनियम, 2003 के माध्यम से संविधान में शामिल) के तहत स्थापित किया गया है।
      • अनुच्छेद 338A को 89वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 के माध्यम से संविधान में शामिल किया गया था। 
    • संरचना: अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य (प्रत्येक का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है)।
      • अध्यक्ष का पद केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के दर्जे के बराबर होता है; उपाध्यक्ष का पद राज्य मंत्री के दर्जे के बराबर होता है तथा अन्य सदस्यों का पद केंद्र सचिव के दर्जे के बराबर होता है।
    • महत्वपूर्ण कार्य:
      • अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षा उपायों की निगरानी करना;
      • अनुसूचित जनजातियों को उनके अधिकारों से वंचित करने संबंधी शिकायतों की जांच करना;
      • सामाजिक-आर्थिक विकास योजनाओं पर सलाह देना आदि।
    • शक्तियां: इसे सिविल कोर्ट की शक्तियां प्राप्त हैं।
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    • राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
    • NCST
    • अनुच्छेद 338A

    एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग

    सेबी ने रिटेल एल्गो ट्रेडिंग फ्रेमवर्क का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।

    • एल्गो ट्रेडिंग स्वचालित रूप से खरीदने/ बेचने संबंधी आदेशों को निर्धारित शर्तों के आधार पर सटीक रूप से निष्पादित करने की प्रक्रिया है।
    • वर्तमान में केवल संस्थागत निवेशकों को डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (DMA) के माध्यम से इसका उपयोग करने की अनुमति है। 

    विनियामकीय फ्रेमवर्क की मुख्य विशेषताएं

    • एल्गोरिदम का वर्गीकरण
      • व्हाइट-बॉक्स: इसमें लॉजिक (कार्य प्रणाली) का खुलासा किया जाता है और इसे दोहराया भी जा सकता है, अर्थात एल्गो निष्पादन। 
      • ब्लैक-बॉक्स: इसमें लॉजिक उपयोगकर्ता के लिए ज्ञात नहीं होता और इसे दोहराया नहीं जा सकता।
    • खुदरा व्यापारियों के लिए ट्रेडिंग संबंधी सीमाएं: खुदरा व्यापारियों को एक्सचेंज द्वारा निर्धारित सीमाओं का पालन करना होगा, जिन्हें अभी तय किया जाना बाकी है।
    • एल्गो प्रदाताओं का पंजीकरण: एल्गो प्रदाताओं को सेबी द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है, लेकिन उन्हें एल्गो बेचने के लिए एक्सचेंजों के साथ पंजीकरण कराना होगा और ब्रोकर के साथ साझेदारी करनी होगी।
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    • एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग
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    • डायरेक्ट मार्केट एक्सेस

    डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान

    केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति ने डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रस्ताव को मंजूरी दी।

    डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में

    • अवस्थिति: असम में स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान एक बायोस्फीयर रिजर्व भी है।
    • नदियां: उत्तर में ब्रह्मपुत्र और लोहित नदियों से तथा दक्षिण में डिब्रू नदी से घिरा हुआ है।
    • वनस्पति: आर्द्र मिश्रित अर्ध-सदाबहार और पर्णपाती वन, जिनमें पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा सैलिक्स स्वैम्प फॉरेस्ट भी शामिल है।
    • जीव-जंतु: जंगली घोड़े, बाघ, हाथी, तेंदुआ और जंगल कैट्स।
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    • डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान
    • बायोस्फीयर रिजर्व
    • सैलिक्स स्वैम्प फॉरेस्ट

    रोडोडेंड्रॉन (बुरांश)

    एक हालिया अध्ययन में नागालैंड में रोडोडेंड्रोन वाटी पर मंडरा रहे खतरों को उजागर किया गया है। साथ ही, मणिपुर में पहली बार नई ऑर्किड प्रजाति दर्ज की गई है।

    रोडोडेंड्रॉन के बारे में 

    • यह फूलों वाले पौधों की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है। इनमें 1,000 से अधिक वन्य प्रजातियां शामिल हैं।
    • वितरण:
      • ये मुख्यतः हिमालय और दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं।
      • ये कम संख्या में उत्तरी अमेरिका, यूरोप, मध्य-पूर्व और पूर्वोत्तर ऑस्ट्रेलिया में भी पाए जाते हैं।
    • मान्यता:
      • रोडोडेंड्रॉन आर्बोरियम नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प है। इसे लाली गुरांस भी कहा जाता है।  
      • गुलाबी रोडोडेंड्रॉन हिमाचल प्रदेश का राजकीय पुष्प है।
    • इसे जलवायु परिवर्तन के लिए संकेतक माना जाता है और पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता है।
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    • रोडोडेंड्रॉन
    • बुरांश
    • नई ऑर्किड प्रजाति

    बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा)

    हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका में डेयरी मवेशियों में बर्ड फ्लू वायरस का दूसरा जीनोटाइप (जीनोटाइप D1.1) पाया गया।

    • अब तक डेयरी मवेशियों में बर्ड फ्लू के सभी मामलें जीनोटाइप B3.13 से संबंधित रहे हैं।

    बर्ड फ्लू के बारे में

    • कारक: एवियन इन्फ्लूएंजा टाइप A वायरस।
    • वायरस की सतह पर मौजूद दो प्रोटीनों के आधार पर इसके दो सब-टाइप्स हैं:
      • हेमाग्लगुटिनिन (HA) और न्यूरामिनिडेज़ (NA)।
    • वायरस के वाहक और संरकमण: प्रवासी जंगली पक्षी (विशेष रूप से जलपक्षी) एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के नेचुरल होस्ट हैं।
    • मनुष्यों में संक्रमण: वायरस के कुछ सब-टाइप्स मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं। इसके संक्रमण से H5N1 जैसी गंभीर श्वसन बीमारियां हो सकती हैं।
    • लक्षण: बुखार, थकान, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द आदि।
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    • बर्ड फ्लू
    • एवियन इन्फ्लूएंजा
    • जीनोटाइप D1.1
    • हेमाग्लगुटिनिन

    स्वावलंबिनी

    केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने नीति आयोग के सहयोग से स्वावलंबिनी का शुभारंभ किया।

    स्वावलंबिनी के बारे में

    • यह असम, मेघालय और मिजोरम राज्यों के लिए महिला उद्यमिता कार्यक्रम है।
    • इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के चुनिंदा उच्चतर शिक्षा संस्थानों में छात्राओं को आवश्यक उद्यमशीलता सोच, संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि वे सफल उद्यमी बन सके।
    • यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को अपनी उद्यमिता सोच को सतत संभावनाओं में बदलने में मदद करने के लिए छह महीने का मार्गदर्शन और सहायता भी प्रदान करता है।
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    • स्वावलंबिनी
    • MSDE
    • महिला उद्यमिता कार्यक्रम

    दशावतार थियेटर

    हाल ही में महाराष्ट्र में दशावतार के प्रदर्शन शुरू हुए।

    दशावतार थिएटर के बारे में

    • यह एक पारंपरिक रंगमंच है। इसका पिछले आठ सौ वर्षों से मंचन हो रहा है।
    • दशावतार से आशय भगवान विष्णु (जगत के पालनहार) के दस अवतारों से है।
      • ये दस अवतार हैं- मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि। 
    • विशेषताएं: कलाकार रंग-बिरंगे मेक-अप करते हैं और वेशभूषा पहनते हैं। इस मंचन के दौरान तीन संगीत वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता है: हारमोनियम, तबला और झांझ।
    • लोकप्रियता: महाराष्ट्र के दक्षिण कोंकण क्षेत्र के सिंधुदुर्ग जिले और गोवा के उत्तरी गोवा जिले में।
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    • दशावतार थियेटर
    • पारंपरिक रंगमंच
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