राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (NCSK) की स्थापना पहले 1994 में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 के तहत एक वैधानिक आयोग के रूप में की गई थी।
- 2004 में इस अधिनियम को निरस्त कर दिया गया था। तब से आयोग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में कार्य कर रहा है।
- इसका कार्यकाल समय-समय पर सरकार द्वारा संकल्पों के माध्यम से बढ़ाया जाता है।
NCSK को सौंपे गए कार्य
- सफाई कर्मचारियों आदि की स्थिति में असमानताओं को समाप्त करने की दिशा में केंद्रीय सरकार को कार्यक्रमों या उपायों की सिफारिश करना।
- सफाई कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए लागू योजनाओं का मूल्यांकन करना।
- हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के अंतर्गत आयोग:
- इस अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी करता है;
- इस अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों की जांच करता है;
- इस अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार को सलाह देता है; और
- इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान के गैर-कार्यान्वयन के लिए स्वतः संज्ञान लेता है।
- अन्य: इसमें कार्यस्थल दशाओं (स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं वेतन) की निगरानी करना; सफाई कर्मचारियों से संबंधित किसी भी मुद्दे पर सरकार को रिपोर्ट देना आदि शामिल हैं।
सफाई कर्मचारियों द्वारा सामना की जाने वाले समस्याएं:
- सफाई कर्मचारी खतरनाक कार्यस्थल दशाओं के चलते त्वचा और श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे एक्जिमा, स्केली डर्माटाइटिस आदि से ग्रस्त हो जाते हैं।
- सामाजिक हेय भावना के चलते अधिकांश सफाई कर्मचारी मुख्य रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों से आते हैं, जिन्हे सामाजिक सुरक्षा के अभाव और प्रणालीगत बहिष्कार का सामना करना पड़ता है।
सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए शुरू की गई अन्य पहलें
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