यह घोषणा केंद्रीय बजट 2025 में की गई है। इन स्थलों को राज्यों के साथ साझेदारी में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यटन संबंधी अवसंरचना को बेहतर करना, यात्रा को आसान बनाना और प्रमुख पर्यटन स्थलों तक कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
- राज्यों को महत्वपूर्ण अवसंरचना के लिए भूमि उपलब्ध करानी होगी, जिसे इन्फ्रास्ट्रक्चर हार्मोनाइज्ड मास्टर लिस्ट (HML) के तहत वर्गीकृत किया जाएगा।
इस संबंध में बजट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- रोजगार आधारित विकास: इसमें कौशल विकास कार्यक्रम, होम-स्टे के लिए मुद्रा ऋण, पर्यटन स्थलों तक यात्रा और कनेक्टिविटी में सुधार करना शामिल है।
- आध्यात्मिक पर्यटन: विशेष रूप से बौद्ध स्थलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए तीर्थयात्रा और विरासत पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- चिकित्सा पर्यटन (मेडिकल टूरिज्म): इसमें भारत को वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रक में अग्रणी बनाने के लिए "हील इन इंडिया" पहल को बढ़ावा देना शामिल है।
- ज्ञान भारतम मिशन: भारत की पांडुलिपि विरासत का दस्तावेज़ीकरण और संरक्षण करना।
पर्यटन क्षेत्रक का योगदान:
- वित्त वर्ष 2023 में GDP में इसका योगदान 5% रहा था। इसी अवधि में इस क्षेत्रक ने 7.6 करोड़ रोजगार सृजित किए थे।
- 2023 के दौरान वैश्विक स्तर पर पर्यटन से होने वाली आय में भारत की हिस्सेदारी 1.8 प्रतिशत थी। इसके चलते वैश्विक स्तर पर पर्यटन से होने वाली आय के मामले में भारत 14वें स्थान पर पहुंच गया।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- अवसंरचना का विकास: इसमें स्वदेश दर्शन 2.0, प्रसाद योजना, क्षेत्रीय संपर्क के लिए RCS-उड़ान योजना आदि शामिल हैं।
- नीति एवं कानूनी: राष्ट्रीय पर्यटन नीति, विविध श्रेणियों के लिए ई-वीजा आदि।
- थीमेटिक टूरिज्म: इसमें आरोग्य, पाककला, ग्रामीण और पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।
- NIDHI/ निधि (आतिथ्य उद्योग का राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस): यह आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्रक में व्यापार को आसान बनाने के लिए डिजिटल प्रणाली है।
