पीएम-दक्ष (PM-DAKSH) योजना
हाल ही में, केंद्रीय मंत्री ने प्रधान मंत्री दक्षता और कुशलता सम्पन्न हितग्राही (पीएम-दक्ष) योजना के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
पीएम-दक्ष योजना के बारे में:
- प्रकार: यह केंद्रीय क्षेत्रक की योजना है।
- अवधि: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2021-22 से 2025-26 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए अनुमोदित।
- उद्देश्य: सूचीबद्ध प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा संचालित अल्पकालिक प्रशिक्षण, अपस्किलिंग/ री-स्किलिंग और उद्यमिता विकास कार्यक्रम।
- लक्षित समूह: अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, विमुक्त जनजातियों (DNTs), सफाई कर्मचारियों सहित कचरा बीनने वालों आदि को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
- आयु मानदंड: 18-45 वर्ष।
- आय मानदंड:
- कोई आय सीमा नहीं: अनुसूचित जातियों, सफाई कर्मचारियों, कचरा बीनने वालों और DNTs सहित अन्य पर लागू;
- OBCs और EWSs के लिए: वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
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- पीएम-दक्ष
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
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सार और तत्व का सिद्धांत
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने लॉटरी टिकटों के प्रचार, विपणन या बिक्री पर सेवा कर लगाने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि लॉटरी पर कराधान का अधिकार पूरी तरह से राज्यों के पास है।
- सुप्रीम कोर्ट ने सिक्किम हाई कोर्ट के 2012 के फैसले को बरकरार रखा, जो सार और तत्व के सिद्धांत पर आधारित था।
- हाई कोर्ट ने पाया था कि लॉटरी पर कर लगाने की शक्ति विशेष रूप से राज्य विधान-मंडल के पास है। ऐसा इस कारण क्योंकि, लॉटरी संयोग का खेल मानी जाती है और सातवीं अनुसूची (अनुच्छेद 246) की सूची-II में "सट्टेबाजी और जुए" के अंतर्गत आती है।
सार और तत्व के सिद्धांत के बारे में:
- यह निर्धारित करता है कि विधायी शक्तियों में अस्पष्टता की स्थिति में किस स्तर की सरकार (संघ या राज्य) को कानून बनाने का अधिकार है।
- इसमें कहा गया है कि जब यह प्रश्न उठता है कि कोई विशेष कानून किस विषय से संबंधित है, तो कोर्ट उस मामले के तत्व को देखता है।
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- सार और तत्व का सिद्धांत
- सिक्किम हाई कोर्ट
आरक्षण का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण का दावा करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 16(4) और 16(4-A) की प्रकृति केवल सक्षमकारी प्रावधानों की है।
- अनुच्छेद 16(4) राज्य को किसी भी पिछड़े वर्ग के पक्ष में नियुक्तियों में आरक्षण के लिए प्रावधान करने का अधिकार देता है। अनुच्छेद 16 (4-A) पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान करता है।
- ये अनुच्छेद यह अनिवार्य नहीं करते हैं कि राज्य या इसके संस्थान हर चयन प्रक्रिया में आरक्षण प्रदान करें।
- हालांकि, आरक्षण न देने का राज्य का निर्णय कुछ मात्रात्मक आंकड़ों और वैध तर्क पर आधारित होना चाहिए।
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- आरक्षण
- अनुच्छेद 16(4)
NB-8
भारत के प्रधान मंत्री ने एस्टोनिया गणराज्य के राष्ट्रपति के साथ बैठक की।
- उन्होंने इंडिया-नॉर्डिक-बाल्टिक प्रारूप में मंत्रिस्तरीय आदान-प्रदान की शुरुआत का स्वागत किया।
- इंडिया-नॉर्डिक-बाल्टिक वस्तुतः भारत और नॉर्डिक-बाल्टिक आठ (NB8) देशों के बीच सहयोग है।
नॉर्डिक-बाल्टिक आठ (NB-8) देशों के बारे में:
- यह एक अनौपचारिक (गैर-संस्थागत) क्षेत्रीय सहयोग समूह है।
- सदस्य: नॉर्डिक देश (डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन) तथा बाल्टिक देश (एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया)।
- NB8 देशों के साथ भारत का व्यापार बढ़कर 9.04 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। इसमें से स्वीडन भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार है।
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- NB-8
- इंडिया-नॉर्डिक-बाल्टिक प्रारूप
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सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद
हाल ही में, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने GDKP मापन पर एक सत्र आयोजित किया।
सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद (GDKP) के बारे में:
- GDKP का प्रतिपादन सदर्न कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अम्बर्टो सल्पासो ने प्रोफेसर जेफ कोल के साथ मिलकर किया था।
- यह एक मापदंड है, जो किसी अर्थव्यवस्था में उत्पन्न और उपयोग किए गए ज्ञान को मापता है।
- GDKP चार बुनियादी स्तंभों के माध्यम से किसी राष्ट्र की संवृद्धि और भविष्य को मापता है-
- ज्ञान संबंधी मदें (Ki): यह आधुनिक और स्थानीय विशिष्ट सांस्कृतिक ज्ञान संबंधी मदों की पहचान करता है।
- देश का ज्ञान उत्पादक मैट्रिक्स (CKPM): यह सरकार, निजी संस्थानों और परिवारों द्वारा उत्पन्न ज्ञान की तुलना करता है।
- देश का ज्ञान उपयोगकर्ता मैट्रिक्स (CKUM): यह उस ज्ञान का मूल्य मापता है, जिसे व्यक्तियों और निजी कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है।
- सीखने की लागत: सीखने की लागत जीवन यापन की लागत के समान ही होती है, जो सरकारों को बजट संबंधी निर्णय लेने में मदद करती है।
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- GDKP
- CKUM
वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणालियां
लवणता के बढ़ते स्तर ने केरल के कुट्टनाड में 'पुंचा' धान की खेती के समक्ष गंभीर खतरा पैदा कर दिया है।
कुट्टनाड वेटलैंड कृषि प्रणाली के बारे में:
- यह वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (GIAHS) है।
- धान की खेती समुद्र तल से नीचे लवणीय जल में डेल्टाई दलदलों को सूखाकर प्राप्त की गई भूमि पर की जाती है।
- इसे तीन संरचनाओं में विभाजित किया गया है:
- मछली पकड़ने और धान की खेती के लिए उपयोग की जाने वाली आर्द्रभूमि,
- खाद्य फसलों के रोपण के लिए उपयोग की जाने वाली उद्यान भूमि, और
- अंतर्देशीय मत्स्यन और शेल्स एकत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले जल क्षेत्र।
GIAHS के बारे में:
- ये जीवित विरासत प्रणालियां हैं, जिनमें ऐसे समुदाय निवास करते हैं जो अपने क्षेत्र के साथ जटिल जुड़ाव बनाए रखते हैं।
- नामित: खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा।
- भारत में: 3 GIAHS हैं। ये हैं-
- कश्मीर की केसर विरासत,
- कोरापुट पारंपरिक कृषि (ओडिशा), तथा
- कुट्टनाड वेटलैंड कृषि प्रणाली।
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IRIS चिप
IIT-मद्रास और इसरो ने संयुक्त रूप से एयरोस्पेस गुणवत्ता वाले शक्ति (SHAKTI)-आधारित सेमीकंडक्टर चिप- IRIS का विकास और उसे सफलतापूर्वक बूट किया है। IRIS- अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी RISC-V नियंत्रक।
- प्रणालियों की शक्ति श्रेणी कस्टम प्रोसेसर्स के डिजाइन के लिए RISC-V पर आधारित है। RISC-V एक ओपन सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (ISA) है।
- RISC-V: रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर फाइव।
- 'शक्ति' को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजिटल इंडिया RISC-V पहल (DIRV) के तहत समर्थन प्राप्त है।
- इसका उद्देश्य माइक्रोप्रोसेसर आधारित उत्पादों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देना है, जो RISC-V प्रौद्योगिकी को अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए सर्वोत्तम सुरक्षा और दृश्यता प्रदान करेंगे।
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हाइब्रिड क्वांटम सुपरकंप्यूटर
जापान के इंजीनियरों ने विश्व का पहला हाइब्रिड क्वांटम सुपरकंप्यूटर विकसित किया है। इसे रीमेई नाम दिया गया है।
- इसे दुनिया के छठे सबसे तेज सुपरकंप्यूटर फुगाकू में एकीकृत किया गया है। रीमेई 20-क्यूबिट क्वांटम क्षमता से युक्त है।
- 'रीमेई' की विशेषता यह है कि यह ट्रैप्ड-आयन क्यूबिट्स का उपयोग करता है। इसके विपरीत, अधिकांश क्वांटम कंप्यूटर सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट्स पर आधारित होते हैं।
- इसमें आवेशित परमाणुओं या आयनों को आयन ट्रैप नामक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र में अलग किया जाता है। साथ ही, उनकी क्वांटम अवस्था को नियंत्रित करने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है।
- इससे वैज्ञानिकों को आयनों में हेरफेर करने और उन्हें क्यूबिट्स के रूप में उपयोग करने में मदद मिलती है। क्यूबिट्स क्वांटम सूचना को संग्रहीत और संसाधित करते हैं।
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- रीमेई
- ट्रैप्ड-आयन क्यूबिट्स