संसदीय स्थायी समिति ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)-II के अंतर्गत प्राप्त उपलब्धियों की सराहना की है। इसके अंतर्गत 5,87,529 गांवों में से 5,57,468 गांवों को ODF प्लस घोषित किया गया है।
- ODF प्लस गांव वे होते हैं, जो ODF (खुले में शौच मुक्त) स्थिति को बनाए रखते हुए ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करते हैं तथा देखने में भी साफ एवं स्वच्छ होते हैं।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के बारे में
- शुरुआत: इसे 2 अक्टूबर 2014 को जल शक्ति मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन के दो उप-मिशनों में से एक के रूप में शुरू किया था।
- दर्जा: केंद्र प्रायोजित योजना।
- उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच को समाप्त करना।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)-चरण II (2020-21 से 2024-25)
- उद्देश्य: 2024-25 तक ODF स्थिति को बनाए रखना तथा ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करना। साथ ही, सभी गांवों को ODF से ODF प्लस मॉडल में तब्दील करना।
- प्रमुख घटक: व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों (IHHLs) और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (CSCs) का निर्माण करना, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) करना आदि।
समिति द्वारा उठाए गए मुद्दे:
- लक्ष्य से कम उपलब्धियां: पिछले पांच वर्षों के दौरान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (SWM) और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (LWM) में क्रमशः केवल 35% व 57% लक्ष्य हासिल किए गए हैं।
- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (SSG)-2023: प्रमुख ODF प्लस मापदंडों को सटीक रूप से नहीं मापा गया है।
- व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों (IHHLs) के निर्माण हेतु सहायता: BPL परिवारों के लिए एक IHHL के निर्माण हेतु 12,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि महंगाई के हिसाब से नहीं बढ़ाई गई है।
- अन्य मुद्दे: इसमें निधियों का कम उपयोग, वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान IHHLs और CSCs के निर्माण में कमी आदि शामिल हैं।
समिति द्वारा की गई सिफारिशें:
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