भारत के प्रधान मंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक कार्य यात्रा संपन्न की
Posted 14 Feb 2025
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भारत के प्रधान मंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति ने आपसी विश्वास, साझा हितों, सद्भावना और नागरिकों के बीच मजबूत जुड़ाव के आधार पर भारत-अमेरिका समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की क्षमता की पुष्टि की है।
दोनों पक्षों ने सहयोग के प्रमुख स्तंभों में रूपांतरकारी बदलाव लाने के लिए "21वीं सदी के लिए यू.एस.-इंडिया कॉम्पैक्ट” की घोषणा की है।
21वीं सदी में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिएएक नए 10-वर्षीय फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर करने की योजना की घोषणा की गई।
स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (Autonomous Systems Industry Alliance: ASIA): इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में औद्योगिक साझेदारी और उत्पादन को बढ़ाना है।
व्यापार और निवेश
'मिशन 500': 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर करने का नया लक्ष्य तय किया गया है।
द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA): इसके तहत 2025 के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, मल्टी-सेक्टर BTA के पहले चरण पर वार्ता शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
ऊर्जा सुरक्षा
अमेरिका ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) का पूर्ण सदस्य बनने के लिए अपनी मजबूत समर्थन की पुष्टि की।
दोनों पक्षों ने अमेरिका-भारत 123 असैन्य परमाणु समझौते को पूर्णतः कार्यान्वित करने की प्रतिबद्धता की घोषणा की।
भारत और अमेरिका के बीच परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए समझौते को 123 समझौता भी कहा जाता है। ऐसा इस कारण, क्योंकि इस पर अमेरिका के परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1954 की धारा 123 के तहत हस्ताक्षर किए गए थे।
प्रौद्योगिकी और नवाचार
USA-इंडिया ट्रस्ट/ TRUST (रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी का उपयोग कर संबंधों को नया रूप देना): महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार-से-सरकार, शिक्षा जगत और निजी क्षेत्रक के मध्य सहयोग को प्रोत्साहित करना।
इंडस (INDUS) इनोवेशन: यह अमेरिका-भारत उद्योग और शैक्षणिक जगत के मध्य साझेदारी को आगे बढ़ाने तथा अंतरिक्ष, ऊर्जा और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन ब्रिज के रूप में काम करेगा।
बहुपक्षीय सहयोग
अमेरिका ने तहव्वुर राणा (26/11 आतंकी हमलों से जुड़ा आतंकी) के भारत को प्रत्यर्पण को मंजूरी प्रदान की।
हिंद महासागर सामरिक उद्यम (Indian Ocean Strategic Venture): यह आर्थिक कनेक्टिविटी और वाणिज्य में समन्वित निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक नया द्विपक्षीय, समग्र सरकार दृष्टिकोण पर आधारित फोरम है।