देशभर में 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। यह दिवस स्वतंत्रता, महिला अधिकारों और सशक्तीकरण में सरोजिनी नायडू की विरासत का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

सरोजिनी नायडू (1879 - 1949) के बारे में
- उन्हें 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' या 'भारत कोकिला' के नाम से भी जाना जाता है। वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख नेता और प्रसिद्ध कवयित्री थीं।
- वह 1947 में स्वतंत्र भारत में पहली महिला राज्यपाल बनीं थीं। वह संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) की राज्यपाल बनी थीं।
- प्रमुख योगदान:
- वह 1905 में बंगाल विभाजन के बाद स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुई थीं।
- उन्होंने 1917 में महिला भारतीय संघ की सह-स्थापना की थी।
- वह 1919 में ऑल इंडिया होमरूल लीग का हिस्सा बनी थीं।
- 1925 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्षा बनीं थीं।
- नायडू ने सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन दोनों में एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में हिस्सा लिया था।
- 1931 में, लंदन में आयोजित दूसरे गोलमेज सम्मेलन में उन्होंने गांधीजी के साथ हिस्सा लिया था।
- साहित्यिक कृतियां: द गोल्डन थ्रेशोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम (1912), द ब्रोकन विंग, आदि।
- मूल्य: देशभक्ति, न्याय, नेतृत्व, समानता, आदि।