इस उद्घोषणा के साथ ही मणिपुर में अब तक 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। राज्य में आखिरी बार राष्ट्रपति शासन 2001-02 में लगाया गया था। वर्तमान उद्घोषणा से मणिपुर राज्य की विधान सभा निलंबित हो गई है।
राष्ट्रपति शासन के बारे में
- संविधान: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 356 किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान करता है। संविधान में उपबंध है कि यदि किसी राज्य की सरकार संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं चलती है, तो राष्ट्रपति राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है।
- कभी-कभी, राष्ट्रपति राज्यपाल की रिपोर्ट के बिना भी इस उपबंध का उपयोग कर सकता है।
- अवधि और अनुमोदन: अनुच्छेद 356(3) के अनुसार, राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, इसे दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) से साधारण बहुमत द्वारा अनुमोदन प्राप्त होना जरूरी है। यदि संसद द्वारा मंजूरी नहीं मिलती है, तो यह दो माह बाद स्वतः समाप्त हो जाता है।
- एक बार संसद की मंजूरी मिलने के बाद, राष्ट्रपति शासन अधिकतम छह महीने तक जारी रह सकता है। हालांकि, इसे हर छह महीने में संसद की मंजूरी के साथ अधिकतम तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।
- निरसन: राष्ट्रपति अपनी बाद की उद्घोषणा द्वारा राष्ट्रपति शासन को हटा सकता है।
- परिणाम:
- राज्य सरकार के संचालन और राज्यपाल की शक्तियां राष्ट्रपति अपने हाथ में ले सकता है।
- राष्ट्रपति राज्य विधान-मंडल की शक्तियों को संसद को हस्तांतरित कर सकता है।
- राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा का असर संबंधित राज्य के हाई कोर्ट के कामकाज पर नहीं पड़ता है।
एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ वाद (1994)
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