पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन | Current Affairs | Vision IAS
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Posted 19 Feb 2025

37 min read

पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन

हाल ही में, ब्राजील की सरकार ने ओपेक+ संगठन में ब्राजील के शामिल होने को मंजूरी दी।

ओपेक के बारे में

  • यह तेल निर्यातक 12 विकासशील देशों का एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है।
    • भारत इसका सदस्य नहीं है।
  • स्थापना: इसे 1960 में बगदाद सम्मेलन में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेजुएला द्वारा गठित किया गया था।
  • उद्देश्य: पेट्रोलियम उत्पादकों के लिए उचित और स्थिर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सदस्य देशों के बीच पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय एवं एकीकरण करना।
  • मुख्यालय: वियना (ऑस्ट्रिया)।
  • ओपेक+ के बारे में
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में शेल तेल उत्पादन में अधिक वृद्धि होने से तेल की कीमतों में गिरावट होने लगी। इसी स्थिति से निपटने के लिए ओपेक ने 2016 में 10 अन्य तेल उत्पादक देशों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करके ओपेक+ का गठन किया था। 
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  • ओपेक+
  • OPEC

यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन सेट्लमेंट्स प्रोग्राम

C40 सिटीज और यूएन-हैबिटेट ने शहरी नियोजन में बदलाव लाने के लिए एक ऐतिहासिक साझेदारी की घोषणा की।

  • इस साझेदारी के तहत अर्बन प्लानिंग एक्सेलरेटर शुरू किया जाएगा। यह 2050 तक शहरी उत्सर्जन में 25% की कटौती करेगा तथा सुरक्षित, निष्पक्ष और समावेशी अर्बन स्पेस को बढ़ावा देगा।

यूएन-हैबिटेट के बारे में

  • स्थापना: 1978 में की गई थी। 
  • मिशन: 
    • सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से संधारणीय कस्बों एवं शहरों को बढ़ावा देना, तथा 
    • सभी के लिए पर्याप्त आश्रय सुनिश्चित करना।
  • भूमिका: यह न्यू अर्बन एजेंडा जैसी पहलों के माध्यम से शहरों को समावेशी, सुरक्षित, सक्षम और संधारणीय बनाने का प्रयास करता है।

C40 के बारे में

  • C40 दुनिया के अग्रणी शहरों के लगभग 100 महापौरों (मेयर) का एक वैश्विक नेटवर्क है। ये महापौर जलवायु संकट का सामना करने के लिए एकजुट हुए हैं।
  • Tags :
  • यूएन-हैबिटैट
  • C40 सिटीज

पोर्ट ऑफ कॉल

नाविका सागर परिक्रमा II के तहत भारतीय नौसेना का पोत ‘INSV तारिणी’ पोर्ट स्टेनली-पोर्ट ऑफ कॉल पहुंचा। 

  • ईस्ट फ़ॉकलैंड में स्थित पोर्ट स्टेनली फॉकलैंड द्वीप समूह की राजधानी है।

पोर्ट ऑफ कॉल के बारे में

  • यह एक प्रकार का मध्यवर्ती बंदरगाह होता है। यहां जहाज आम तौर पर आपूर्ति, मरम्मत या कार्गो के ट्रांसशिपमेंट के लिए रुकते हैं।
  • पोर्ट ऑफ कॉल के उदाहरण हैं- अदन, होनोलुलु, सिंगापुर, आदि।
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  • पोर्ट ऑफ कॉल
  • INSV तारिणी

एपीडा/ APEDA

एपीडा ने जर्मनी में आयोजित बायोफैच 2025 (BIOFACH 2025) में भारतीय निर्यातकों की भागीदारी सुनिश्चित की।

  • बायोफैच आर्गेनिक फ़ूड पर दुनिया का अग्रणी व्यापार मेला है।

एपीडा के बारे में

  • मंत्रालय: यह केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करता है। यह भारत में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने वाला शीर्ष संगठन है। 
  • सांविधिक निकाय: एपीडा की स्थापना कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1985 के तहत हुई है।
  • कार्य:
    • वित्तीय सहायता के माध्यम से निर्यात के लिए अनुसूचित उत्पादों से संबंधित उद्योगों का विकास करना।
    • बूचड़खानों, प्रसंस्करण संयंत्रों और भंडारण परिसरों में मांस एवं मांस-उत्पादों का निरीक्षण करना।
    • यह राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NAB) के सचिवालय के रूप में कार्य करता है। इस रूप में यह राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के तहत जैविक उत्पादों के निर्यात के लिए प्रमाणन देने वाली संस्थाओं को प्रत्यायन (Accreditation) प्रदान करता है।
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  • APEDA
  • एपीडा
  • बायोफैच 2025

राष्ट्रीय एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

  • एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल नई पीढ़ी की उन्नत ऊर्जा भंडारण तकनीक है। इसमें पारंपरिक भंडारण तकनीकों की तुलना में बहुत अधिक ऊर्जा भंडारण की क्षमता (वॉल्यूमेट्रिक और ग्रेविमेट्रिक, दोनों दृष्टि से) होती है। 
    • वॉल्यूमेट्रिक का संबंध मात्रा से है, जबकि ग्रेविमेट्रिक का संबंध द्रव्यमान (मास) से है। 

एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) योजना के बारे में

  • शुरुआत: इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021 में मंजूरी दी थी।
  • उद्देश्य: भारत में गीगा स्केल एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल और बैटरी विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना करके ACC में भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है। योजना के तहत देश में ही मूल्य संवर्धन पर जोर दिया जाएगा।
  • लक्ष्य: लाभार्थी फर्म को विनिर्माण में कम-से-कम 25% का घरेलू मूल्य संवर्धन सुनिश्चित करना होगा और इसे 5 वर्षों के भीतर बढ़ाकर 60% करना होगा।
    • साथ ही, 2 वर्षों के भीतर प्रतिबद्ध की गई क्षमता के तहत कंपनी को प्रति गीगावाट/घंटा (GWh) बैटरी विनिर्माण क्षमता पर न्यूनतम 225 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।
  • Tags :
  • ACC
  • एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल

सोलर कोरोनल होल्स

एक नए अध्ययन में सोलर कोरोनल होल्स की तापीय और चुंबकीय क्षेत्र संरचनाओं के भौतिक मापदंडों का अनुमान लगाया गया है।

सोलर कोरोनल होल्स के बारे में:

  • अत्यधिक पराबैंगनी (EUV) और सॉफ्ट एक्स-रे सौर इमेज में कोरोनल होल्स सौर कोरोना में अंधेरे क्षेत्रों के रूप में दिखाई देते हैं। 
  • वे इसलिए गहरे रंग के दिखाई देते हैं, क्योंकि वे आसपास के प्लाज्मा की तुलना में कम गर्म व कम सघन क्षेत्र होते हैं। 
  • वे खुले व एकध्रुवीय चुंबकीय फ़ील्ड्स के क्षेत्र हैं, जो उच्च गति वाली सौर पवनों को अंतरिक्ष में गमन करने में सक्षम बनाते हैं।
  • सूर्य पर किसी भी समय और स्थान पर कोरोनल होल्स विकसित हो सकते हैं।
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  • सोलर कोरोनल होल्स
  • पराबैंगनी (EUV)
  • कोरोनल होल्स

डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल -ऑफ-सर्विस

हाल ही में कर्नाटक के कावेरी 2.0 पोर्टल पर डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) हमला हुआ है। 

DDoS हमले के बारे में

  • इसमें किसी वेबसाइट या नेटवर्क को ओवरलोड कर उसे धीमा या पूरी तरह अनुपलब्ध करने का प्रयास शामिल है।
  • यह व्यापक श्रेणी, डिनायल-ऑफ-सर्विस अटैक (DoS अटैक) का हिस्सा है। इसके तहत ऐसे सभी साइबर हमले शामिल हैं, जो किसी एप्लिकेशन या नेटवर्क सेवाओं को धीमा या बंद कर देते हैं।
    • DDoS हमले इसलिए कई मायनों में विशिष्ट हैं, क्योंकि इनमें एक साथ कई स्रोतों से अटैक ट्रैफिक भेजा जाता है।
  • DDoS हमलावर अक्सर हाईजैक किए गए इंटरनेट से जुड़े उपकरणों के एक समूह का उपयोग करते हैं। इस समूह को बॉटनेट कहते हैं।
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  • डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल -ऑफ-सर्विस
  • कावेरी 2.0 पोर्टल

बैक्टीरियल सेलूलोज

साइंस एडवांसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि बैक्टीरियल सेलूलोज पादप उपचार में 'बैंड-एड' के रूप में कार्य करता है।

बैक्टीरियल सेलूलोज़ के बारे में

  • यह कुछ प्रकार के जीवाणुओं द्वारा निर्मित एक प्राकृतिक बहुलक है।
  • इसकी संरचना में उच्च शुद्धता, मजबूती और जल-धारण क्षमता पाई जाती है।
  • उपयोग: औषधि (घाव की ड्रेसिंग आदि), भोजन (पैकेजिंग, संरक्षण आदि), सौंदर्य प्रसाधन, कृषि इत्यादि। 

सेलूलोज के बारे में: 

  • सेलूलोज पौधों में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला बाह्यकोशिकीय संरचनात्मक पॉलीसेकेराइड है। यह जीवमंडल में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला जैव-अणु है।
    • मनुष्य सेलुलोज को पचा नहीं पाता, क्योंकि हमारे शरीर में सेल्युलेज़ एंजाइम नहीं पाया जाता है। मवेशी और दीमक उनकी आंतों में मौजूद सहजीवी सूक्ष्मजीवों के माध्यम से इसे पचा सकते हैं, क्योंकि ये सूक्ष्मजीव सेल्युलेज एंजाइम का स्राव करते हैं।
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  • बैक्टीरियल सेलूलोज
  • बैंड-एड
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