इस रिपोर्ट में बढ़ते विद्युतीकरण, विद्युत प्रणालियों के विस्तार और उत्पादन समिश्रण में मौसम पर निर्भर ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती हिस्सेदारी जैसे उभरते रुझानों पर चर्चा की गई है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
- वैश्विक
- वैश्विक ऊर्जा मांग 2024 में 4.3% बढ़ी थी। इसके 2027 तक 4% के करीब बढ़ने का अनुमान है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ को पीछे छोड़ते हुए चीन विद्युत के सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में उभरा है।

- 2024 में विद्युत उत्पादन से वैश्विक CO₂ उत्सर्जन में 1% वृद्धि देखी गई थी, लेकिन 2025-2027 के बीच इसके स्थिर रहने की उम्मीद है।
- 2025-2027 के दौरान विद्युत की बढ़ती मांग का 95% हिस्सा सौर, पवन और जलविद्युत जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरा होने की संभावना है।
- भारत
- भारत में 2024 में विद्युत की मांग में 5.8% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके 2025-2027 के दौरान औसतन 6.3% सालाना दर से बढ़ने की संभावना है।
- भारत की कोयला-आधारित ताप विद्युत क्षमता 2032 तक 283 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है।
- 2024 में कोयला 74% विद्युत उत्पादन के साथ भारत में विद्युत उत्पादन का प्रमुख स्रोत बना रहा।
- नवीकरणीय ऊर्जा हिस्सेदारी 2024 की 21% से बढ़कर 2027 तक 27% तक पहुंचने की उम्मीद। इस हिस्सेदारी में सौर PVs प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
- 2024 में परमाणु ऊर्जा में 13% की बढ़ोतरी देखी गई थी। 2031-32 तक भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता 8.2 गीगावाट से तिगुनी होकर 22.5 गीगावाट हो जाएगी।
विद्युत की मांग में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारक
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