इंडिया-UAE CEPA पर 18 फरवरी 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे और यह 1 मई 2022 को लागू हुआ था।
भारत-UAE CEPA के बारे में
- यह पिछले दशक में भारत द्वारा किसी भी देश के साथ हस्ताक्षरित पहला गहन और पूर्ण मुक्त व्यापार समझौता है।
- इसमें वस्तुओं एवं सेवाओं का व्यापार, फार्मास्युटिकल उत्पाद, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR), निवेश आदि शामिल हैं।
भारत-UAE CEPA का महत्त्व
- इस समझौते से अगले पांच वर्षों के दौरान द्विपक्षीय वस्तु व्यापार के 100 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचने की उम्मीद है। इसी तरह सेवाओं में व्यापार के 15 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचने की अपेक्षा है।
- बेहतर व्यापार उदारीकरण और बाजार पहुंच के माध्यम से भारतीय कार्यबल के लिए दस लाख से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
- भारत के श्रम-प्रधान उत्पादों, जैसे- वस्त्र, इंजीनियरिंग सामान आदि के लिए अधिमान्य बाजार पहुंच को सक्षम बनाया जा सकेगा।
- संयुक्त अरब अमीरात से भारत को निर्यात किए जाने वाले लगभग 90% उत्पादों पर शून्य शुल्क लगेगा। इससे पेट्रोरसायन, एल्यूमीनियम और तांबे के UAE कमोडिटी निर्यातकों को लाभ होगा।
- यह समझौता ओमान, कतर जैसे खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों के साथ व्यापक व्यापार समझौतों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत-UAE CEPA के तहत हुई प्रगति
- द्विपक्षीय पण्य व्यापार: वित्त वर्ष 2020-21 में दोनों देशों के बीच 43.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। यह वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग दोगुना होकर 83.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।
- निर्यात वृद्धि: वित्त वर्ष 2023-24 में गैर-तेल निर्यात 27.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था। निर्यात मदों में मुख्य रूप से शामिल हैं- रिफाइंड कच्चा तेल, रत्न व आभूषण, उच्च तकनीक वाले सामान और रसायन आदि।
- MSMEs को बढ़ावा: दुबई में भारत मार्ट के साथ वैश्विक व्यापार में वृद्धि के साथ बाजार पहुंच और रोजगार में वृद्धि देखने को मिली है।
भारत-UAE द्विपक्षीय संबंध
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