मर्सर-मेटल ने ‘भारत का ग्रेजुएट स्किल इंडेक्स 2025’ जारी किया | Current Affairs | Vision IAS
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मर्सर-मेटल ने ‘भारत का ग्रेजुएट स्किल इंडेक्स 2025’ जारी किया

Posted 24 Feb 2025

10 min read

इस इंडेक्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कार्यस्थलों के लिए भारतीय स्नातकों की रोजगार क्षमता का आकलन किया गया है।

इंडेक्स के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र 

  • भारतीय स्नातकों की समग्र रोजगार क्षमता: रोजगार क्षमता 2023 की 44.3% से घटकर 2024 में 42.6% रह गई थी। यह गिरावट विशेष रूप से मानव संसाधन, डिजिटल मार्केटिंग जैसी गैर-तकनीकी क्षमताओं की कमी के कारण दर्ज  की गई है।
    • हालांकि, भारतीय स्नातकों ने AI जैसी तकनीकी क्षमता वाली नौकरियों में सबसे अधिक रोजगार-योग्य क्षमता प्रदर्शित की है।
  • लैंगिक असमानता: 43.4% पुरुष स्नातक रोजगार योग्य हैं, जबकि महिला स्नातकों के लिए यह अनुपात 41.7% है।
  • कॉलेज के आधार पर रोजगार क्षमता: टियर-1 कॉलेजों के स्नातकों की रोजगार प्राप्ति क्षमता सबसे अधिक है। 
  • सॉफ्ट स्किल्स में रोजगार-क्षमता: 50% भारतीय स्नातक भावनात्मक बुद्धिमत्ता (Emotional intelligence), रचनात्मकता जैसी सॉफ्ट स्किल्स में कुशल हैं। 

भारतीय स्नातकों की कम रोजगार क्षमता के लिए जिम्मेदार कारक

  • शिक्षा प्रणाली की खामियां: भारतीय कॉलेज विद्यार्थी व्यावहारिक कौशल विकास की तुलना में सैद्धांतिक ज्ञान पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • AI द्वारा नौकरियों में बदलाव: ऑटोमेशन नौकरी की भूमिकाओं को बदल रहा है। इससे निरंतर अपस्किलिंग की आवश्यकता बढ़ रही है।
    • 28% नियोक्ताओं का मानना है कि प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए 2025 तक उनके एक तिहाई कर्मचारियों के तकनीकी कौशल में महत्वपूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता होगी।
  • सॉफ्ट स्किल्स की कमी: शैक्षिक कार्यक्रमों में संचार, टीमवर्क और क्रिटिकल थिंकिंग जैसी आवश्यक कार्यस्थल क्षमताएं शामिल नहीं की जाती हैं।

भारत में रोजगार क्षमता बढ़ाने से संबंधित पहलें

  • कौशल विकास: प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना आदि चलाई जा रही हैं।
  • महिलाओं की रोजगार-क्षमता: स्टैंड अप इंडिया, वुमन इन साइंस एंड इंजीनियरिंग- किरण (WISE-KIRAN) जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
  • Tags :
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • ग्रेजुएट स्किल इंडेक्स
  • शिक्षा प्रणाली
  • रोजगार क्षमता
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