तमिलनाडु ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के तहत स्कूलों में त्रि-भाषा नीति का विरोध किया | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    तमिलनाडु ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के तहत स्कूलों में त्रि-भाषा नीति का विरोध किया

    Posted 28 Feb 2025

    7 min read

    केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को समग्र शिक्षा योजना के तहत मिलने वाली धनराशि रोक दी है। ऐसा इस कारण, क्योंकि राज्य ने नई शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुसार त्रि-भाषा नीति लागू करने से इनकार कर दिया है।

    • तमिलनाडु वर्तमान में 2 भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) का पालन कर रहा है। 

    त्रि-भाषा नीति के बारे में

    • उद्देश्य: इसका उद्देश्य बहुभाषावाद को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है।
    • नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रत्येक छात्र को तीन भाषाएं सीखनी होगी:
      • इनमें से दो भाषाएं भारत की होनी चाहिए।
      • भाषा चुनने का अधिकार राज्यों और छात्रों को दिया गया है।
    • नीति का विकास 
      • विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग (1948-49): इस आयोग की अध्यक्षता डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने की थी। आयोग ने स्कूली शिक्षा के लिए त्रि-भाषा फार्मूले की सिफारिश की थी। इसके परिणामस्वरूप त्रि-भाषा फार्मूला सामने आया था। 
      • कोठारी आयोग (1964-66): इस आयोग ने औपचारिक रूप से त्रि-भाषा नीति प्रस्तावित की थी। 
      • अलग-अलग शिक्षा नीतियों में त्रि-भाषा नीति का समावेशन: 
        • इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 1968 में शामिल किया गया था।
        • NEP, 1986 और 1992 में भी त्रि-भाषा फॉर्मूला बरकरार रखा गया था।
        • NEP, 2020 में भी अधिक लचीलेपन के साथ त्रि-भाषा फॉर्मूले को यथावत रखा गया है।
        • NEP, 2020 में हिंदी का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया, बल्कि दो क्षेत्रीय भाषाओं की बात कही गई है।
    • Tags :
    • NEP
    • 2 भाषा नीति
    • त्रि-भाषा नीति
    • कोठारी आयोग
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features