केंद्र सरकार ने 2015 में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में संशोधन के माध्यम से खनन से प्रभावित सभी जिलों में जिला खनिज प्रतिष्ठान (DMF) की स्थापना का प्रावधान किया था।
जिला खनिज प्रतिष्ठान (DMF) के बारे में
- जिला खनिज प्रतिष्ठानों (DMFs) को 23 राज्यों के 645 जिलों में गैर-लाभकारी ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है।
- उद्देश्य: खनन संबंधी कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हित एवं लाभ के लिए कार्य करना।
- DMFs की संरचना व कार्य को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
- DMFs को प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) लागू करने की जिम्मेदारी भी दी गई है।
- इस योजना के तहत 70% निधि उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रकों के लिए और 30% अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रकों के लिए दी जानी चाहिए।
- एकत्रित धनराशि: DMFs ने 1,03,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि एकत्रित की है।
DMF और PMKKKY से संबंधित प्रमुख मुद्दे
- निधि का पूरा खर्च ना हो पाना: इसके तहत आधे से अधिक धन खर्च नहीं किया गया है। ऐसा इस कारण, क्योंकि निधि का सही तरीके से उपयोग और प्रबंधन नहीं किया जाता है।
- केवल तीन राज्यों ने उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रकों के लिए 70% से अधिक धनराशि आवंटित की है।
- स्थानीय प्रतिनिधित्व का अभाव: DMF निकायों में अधिकारियों और राजनीतिक सदस्यों का प्रभुत्व है। साथ ही, केवल 5 राज्यों में शासी निकायों में खनन प्रभावित समुदाय शामिल हैं।
- योजना का अभाव: 2022 के निर्देश के बावजूद किसी भी जिले ने पांच-वर्षीय परिप्रेक्ष्य योजना प्रकाशित नहीं की है।
- प्रभाव का आकलन: DMFs ने अपने निवेशों की प्रभावशीलता को मापने के लिए सामाजिक लेखा परीक्षा या प्रभाव आकलन नहीं किया है।
आगे की राह
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