डाक विभाग ने माता कर्मा की 1009वीं जयंती पर एक डाक टिकट जारी किया।
माता कर्मा के बारे में

- वे साहू तेली समुदाय से संबंधित थीं। वे एक भक्ति संत और समाज सुधारक थीं। माता कर्मा अपनी अटूट भक्ति और सामाजिक योगदान के लिए जानी जाती हैं।
- प्रमुख योगदान
- भक्ति: कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने पुरी में माता कर्मा की खिचड़ी को स्वीकार किया था।
- तभी से पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में माता कर्माबाई की खिचड़ी का पहला भोग भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जाता है।
- सामाजिक सुधार: अस्पृश्यता व रूढ़िवाद का विरोध किया तथा महिलाओं को सशक्त बनाने में योगदान दिया।
- भक्ति: कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने पुरी में माता कर्मा की खिचड़ी को स्वीकार किया था।
- मूल्य: साहस, निःस्वार्थ सेवा और समर्पण।