ब्लाइंडसाइट को पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा ‘ब्रेकथ्रू डिवाइस’ का दर्जा दिया जा चुका है।
ब्लाइंडसाइट के बारे में
- यह एक ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस (BCI) इम्प्लांट है, जिसका उद्देश्य रेटिना को बायपास करते हुए सीधे विजुअल कॉर्टेक्स को ट्रिगर करके देखने की क्षमता प्रदान करना है।
- विज़ुअल कोर्टेक्स, सेरेब्रल कोर्टेक्स का वह हिस्सा होता है, जो रेटिना से आने वाली विजुअल डेटा को प्रोसेस करता है। सेरेब्रल कोर्टेक्स तंत्रिका कोशिका ऊतकों की सबसे बाहरी परत होती है।
- ब्लाइंडसाइट में माइक्रोइलेक्ट्रोड एरे शामिल होता है, जिसे विज़ुअल कोर्टेक्स में इम्प्लांट किया जाता है। यह इम्प्लांट न्यूरॉन्स या तंत्रिका कोशिकाओं को सक्रिय करने (Stimulate) में सक्षम होता है।
BCI (ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस) के बारे में
- BCI एक प्रणाली है जो मस्तिष्क की गतिविधि को प्रोसेस करती है और बाहरी सॉफ़्टवेयर को सिग्नल भेजती है। इससे उपयोगकर्ता अपने मस्तिष्क के जरिये उपकरणों को नियंत्रित कर सकता है।
- BCI के उपयोग:
- स्वास्थ्य देखभाल में: इसका उपयोग मस्तिष्क संबंधी विकारों को डायग्नोस करने, शारीरिक रूप से दिव्यांगजनों के लिए सहायक प्रौद्योगिकियां विकसित करने, आदि में किया जा सकता है।
- संचार एवं नियंत्रण: लोगों के विचारों या थॉट्स को डिकोड करने, स्मार्ट डिवाइस कंट्रोल, पर्यावरण के साथ स्वतः समायोजन बिठाने वाली प्रणाली, आदि में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
- वाणिज्यिक उपयोग: परिवहन, विज्ञापन आदि के क्षेत्र में।
- अन्य: इसमें खेल और मनोरंजन, सुरक्षा और प्रमाणीकरण, न्यूरो-फीडबैक और मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर बनाना, आदि शामिल है।
- इससे जुड़ी चिंताएं:
- उपयोगिता संबंधी चुनौती: इसमें मानव शरीर द्वारा BCI तकनीक संबंधी प्रत्यारोपण को स्वीकार करने से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।
- सुरक्षा संबंधी मुद्दे: इससे ऊतक की क्षति, दौरे पड़ना, संज्ञानात्मक हानि, आदि सहित कई दीर्घकालिक प्रभाव को भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है।
- उपयोगकर्ता द्वारा सूचित सहमति के संबंध में नैतिक चिंताएं।