अमेरिकी राष्ट्रपति ने परस्पर प्रशुल्क (Reciprocal Tariffs) की घोषणा की | Current Affairs | Vision IAS
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने परस्पर प्रशुल्क (Reciprocal Tariffs) की घोषणा की

Posted 04 Apr 2025

Updated 05 Apr 2025

9 min read

अमेरिकी राष्ट्रपति ने परस्पर प्रशुल्क की घोषणा करते हुए 180 से अधिक देशों/ अर्थव्यवस्थाओं पर देश-विशिष्ट नए टैरिफ लगाए हैं। इसमें सभी के लिए 10% का न्यूनतम टैरिफ लागू किया गया है।

  • घोषणा में भारत पर 26% परस्पर प्रशुल्क शामिल है। यह दर भारत द्वारा अमेरिकी आयातों पर लगाई जाने वाली दर की आधी है।
  • परस्पर प्रशुल्क का उद्देश्य उन देशों पर उच्च प्रशुल्क लगाकर व्यापार असंतुलन को दूर करना है, जिनके साथ आयात करने वाला देश व्यापार घाटे का सामना कर रहा है।
  • अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर लगाए गए समान परस्पर प्रशुल्क के अधीन चीन (34%), जापान (24%), यूरोपीय संघ (20%), आदि हैं।

परस्पर प्रशुल्क के लिए जिम्मेदार कारक

  • पुनः औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन देना और अनुचित व्यापार पद्धतियों का प्रतिकार (Retaliation) करना इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
  • यह अति वैश्वीकरण और आर्थिक राष्ट्रवाद के उदय के खिलाफ प्रतिक्रिया का एक हिस्सा है।
    • आर्थिक राष्ट्रवाद घरेलू विनिर्माण क्षेत्रक को बढ़ावा देने, अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाने की प्रतिबद्धता आदि में दिखाई देता है।

आर्थिक राष्ट्रवाद

  • यह एक आर्थिक विचारधारा है, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था, श्रम और पूंजी पर घरेलू नियंत्रण को प्राथमिकता दी जाती है।
  • इसके निम्नलिखित दो रूप हैं:
    • विकासवाद: इसमें राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए औद्योगिक नीति का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए- स्वतंत्रता के बाद भारत में अपनाया गया योजनाबद्ध आर्थिक मॉडल।
    • व्यापारिकता या अलगाववाद: इसके तहत प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं के माध्यम से किसी राष्ट्र की समृद्धि और शक्ति को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। उदाहरण के लिए- अमेरिकी प्रशासन की हालिया अमेरिका फर्स्ट नीति।
  • Tags :
  • आर्थिक राष्ट्रवाद
  • परस्पर प्रशुल्क
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