सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा आरक्षित रखे गए विधेयकों पर निर्णय लेना अनिवार्य है | Current Affairs | Vision IAS
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सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा आरक्षित रखे गए विधेयकों पर निर्णय लेना अनिवार्य है

Posted 12 Apr 2025

10 min read

'तमिलनाडु राज्य बनाम तमिलनाडु के राज्यपाल' नामक ऐतिहासिक मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत उन विधेयकों पर राष्ट्रपति द्वारा निर्णय लेने के लिए समय-सीमा निर्धारित की है, जिन्हें राज्यपाल ने राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित कर रखा है।

  • इसी मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 200 के अंतर्गत विधेयकों पर राज्यपाल द्वारा निर्णय लेने की समय-सीमा भी निर्धारित की है।

‘तमिलनाडु राज्य बनाम तमिलनाडु के राज्यपाल' मामले में सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख टिप्पणियां:

  • निर्णय की समय-सीमा: राष्ट्रपति को उसके लिए आरक्षित विधेयकों पर 3 महीने के भीतर निर्णय लेना होगा।
  • निर्णय के कारणों की घोषणा: यदि राष्ट्रपति आरक्षित विधेयक को स्वीकृति नहीं देता है, तो इसके स्पष्ट कारण बताना अनिवार्य होगा। इन कारणों के बारे में राज्य सरकार को सूचित किया जाएगा।
  • राज्यों द्वारा सहयोग: आरक्षित विधेयक के बारे में राज्य को केंद्र सरकार द्वारा पूछे गए प्रश्नों का शीघ्र उत्तर देना होगा और सुझावों पर विचार करना होगा।
  • परमादेश (Mandamus) रिट: यदि राष्ट्रपति आरक्षित विधेयक पर निर्धारित समय-सीमा में निर्णय नहीं लेता, तो राज्य सरकार राष्ट्रपति के खिलाफ रिट याचिका दायर कर सकती है।
  • राष्ट्रपति को आत्यंतिक वीटो (Absolute Veto) का अधिकार नहीं: राष्ट्रपति आरक्षित विधेयकों को अनिश्चितकाल तक लंबित रखकर "पूर्ण वीटो" का प्रयोग नहीं कर सकता। 
    • आत्यंतिक वीटो वास्तव में विधेयक पर अपनी सहमति रोके रखने की राष्ट्रपति की शक्ति है।
  • विधेयक तैयार करने से पूर्व परामर्श: जिन विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति आवश्यक है, उन्हें विधान-मंडल में प्रस्तुत करने से पहले राज्यों को केंद्र सरकार से परामर्श करना चाहिए। केंद्र सरकार को राज्यों के प्रस्तावों पर शीघ्रता से और सम्मान-पूर्वक विचार करना चाहिए।
  • अनुच्छेद 143: यदि विधेयक असंवैधानिकता के आधार पर सुरक्षित रखा गया है, तो राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेनी चाहिए।
  • Tags :
  • अनुच्छेद 200
  • अनुच्छेद 201
  • राष्ट्रपति की स्वीकृति
  • आत्यंतिक वीटो
  • सरकारिया आयोग
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