गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में दो दक्षिण अफ्रीकी चीते छोड़े गए | Current Affairs | Vision IAS
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गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में दो दक्षिण अफ्रीकी चीते छोड़े गए

Posted 21 Apr 2025

12 min read

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में कुनो राष्ट्रीय उद्यान से दो चीते स्थानांतरित किए गए हैं।

  • इन चीतों को मूल रूप से प्रोजेक्ट चीता के तहत फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से कुनो राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश) लाया गया था।

प्रोजेक्ट चीता के बारे में

  • यह 2022 में शुरू की गई एक ऐतिहासिक वन्यजीव संरक्षण पहल है।
  • उद्देश्य: 1940 के दशक के अंत और 1950 के दशक की शुरुआत में विलुप्त हो चुके चीतों को भारत में फिर से बसाना।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)।
  • तकनीकी सहायता: भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा प्रदान की गई है।
  • प्रोजेक्ट चीता संचालन समिति: इसका गठन 2023 में NTCA ने किया था। इसका कार्य प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन की निगरानी व मूल्यांकन करना और परामर्श देना है।
    • NTCA पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है। इसका गठन 2006 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत किया गया है।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • सुरक्षित पर्यावासों में चीतों की प्रजननशील आबादी बसाना, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए जाते थे।
    • खुले वन और सवाना घास भूमियों को पुनर्बहाल करने हेतु चीते को एक फ्लैगशिप और अम्ब्रेला प्रजाति के रूप में उपयोग करना।
    • प्रोजेक्ट चीता का इको-डेवलपमेंट और इको-टूरिज्म के लिए उपयोग करना, ताकि स्थानीय समुदायों की आजीविका को बढ़ाया जा सके।

चीते के बारे में

  • चीता दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला स्तनधारी है। यह भारत में विलुप्त होने वाला एकमात्र बड़ा मांसाहारी जीव है। चीता 1952 में भारत से विलुप्त हो गया था।
  • यह CITES के परिशिष्ट-1 में सूचीबद्ध है।
  • अन्य बड़ी बिल्ली प्रजातियों जैसे- शेर, बाघ, तेंदुए, प्यूमा और जगुआर के विपरीत चीते दहाड़ते नहीं हैं।
  • भौगोलिक वितरण:
    • एशिया: वर्तमान में केवल ईरान के पूर्वी शुष्क क्षेत्रों में पाए जाते हैं। भारत में अब पुनः बसाए गए चीतों की उपस्थिति है।
    • अफ्रीका: संपूर्ण अफ़्रीकी महाद्वीप में घास के मैदानों, झाड़ियों और खुले वनों में पाए जाते हैं। विशेषकर बोत्सवाना, नामीबिया तथा दक्षिण अफ्रीका में इनकी आबादी अधिक है।
  • वर्तमान में चीतों की दो प्रजातियां मौजूद हैं:
    • अफ्रीकी चीता (IUCN स्थिति- वल्नरेबल); तथा 
    • एशियाई चीता (IUCN स्थिति- क्रिटिकली एंडेंजर्ड)।
  • Tags :
  • प्रोजेक्ट चीता
  • गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य
  • कुनो राष्ट्रीय उद्यान
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