मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में कुनो राष्ट्रीय उद्यान से दो चीते स्थानांतरित किए गए हैं।
- इन चीतों को मूल रूप से प्रोजेक्ट चीता के तहत फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से कुनो राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश) लाया गया था।
प्रोजेक्ट चीता के बारे में
- यह 2022 में शुरू की गई एक ऐतिहासिक वन्यजीव संरक्षण पहल है।
- उद्देश्य: 1940 के दशक के अंत और 1950 के दशक की शुरुआत में विलुप्त हो चुके चीतों को भारत में फिर से बसाना।
- कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)।
- तकनीकी सहायता: भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा प्रदान की गई है।
- प्रोजेक्ट चीता संचालन समिति: इसका गठन 2023 में NTCA ने किया था। इसका कार्य प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन की निगरानी व मूल्यांकन करना और परामर्श देना है।
- NTCA पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है। इसका गठन 2006 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत किया गया है।
- मुख्य उद्देश्य:
- सुरक्षित पर्यावासों में चीतों की प्रजननशील आबादी बसाना, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए जाते थे।
- खुले वन और सवाना घास भूमियों को पुनर्बहाल करने हेतु चीते को एक फ्लैगशिप और अम्ब्रेला प्रजाति के रूप में उपयोग करना।
- प्रोजेक्ट चीता का इको-डेवलपमेंट और इको-टूरिज्म के लिए उपयोग करना, ताकि स्थानीय समुदायों की आजीविका को बढ़ाया जा सके।
चीते के बारे में
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