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Posted 23 Apr 2025

37 min read

आधार

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने ई-नाम/ e-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार) योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों और किसान समूहों हेतु आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य किया। 

  • आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7 में भारत की संचित निधि पर भारित किसी भी सब्सिडी, लाभ या सेवा का लाभ उठाने के लिए आधार आधारित प्रमाणीकरण का प्रावधान किया गया है।

आधार के बारे में

  • विशेषताएं: यह 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या है, जो पहचान और पते के प्रमाण के रूप में कार्य करती है। यह नागरिकता या मूल निवास का प्रमाण नहीं है। इसमें बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय दोनों प्रकार की जानकारी होती है।
  • जारीकर्ता: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)।
  • पात्रता: सभी आयु वर्ग के भारत के निवासी।
  • Tags :
  • e-NAM
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अरुण-3 जल विद्युत परियोजना

भारत-नेपाल ने अरुण-3 जलविद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्यों की शुरुआत की।

अरुण-3 जल विद्युत परियोजना के बारे में

  • अवस्थिति: अरुण नदी (कोसी की सहायक नदी) पर पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में। 
  • विशेषताएं: यह 900 मेगावाट की रन-ऑफ-रिवर परियोजना है। 
  • परिचालन: SJVN अरुण-III पावर डेवलपमेंट कंपनी (SAPDC) इसे पांच वर्ष की निर्माण अवधि सहित 30 वर्ष की अवधि के लिए बिल्ड-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर आधार पर विकसित कर रही है।
    • SAPDC भारत की सतलुज जलविद्युत निगम (SJVN) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो SJVN और नेपाल सरकार के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाती है।
  • Tags :
  • अरुण नदी
  • अरुण-3

गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र (VCBC)

पिंजौर (हरियाणा) स्थित गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र (VCBC) से 34 क्रिटिकली एंडेंजर्ड गिद्धों को महाराष्ट्र स्थानांतरित किया गया। 

गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र (VCBC), पिंजौर के बारे में

  • उत्पत्ति: इसे वर्ष 2001 में यूनाइटेड किंगडम सरकार के 'डार्विन इनिशिएटिव फॉर द सर्वाइवल ऑफ स्पीशीज़' फंड द्वारा स्थापित किया गया था। 
  • साझेदार: इसे हरियाणा वन विभाग और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BHNS) ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। 
  • लक्ष्य: गिद्धों की तीन प्रजातियों (सफेद पुट्ठे वाले गिद्ध, लंबी चोंच वाले गिद्ध और पतली चोंच वाले गिद्ध) को बचाना।
  • अवस्थिति: बीर शिकारगाह वन्यजीव अभ्यारण्य, हरियाणा।
  • उपलब्धि: इसके द्वारा इस तथ्य की पुष्टि की गई है कि डाईक्लोफेनाक (एक गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा) गिद्धों की मृत्यु का मुख्य कारण थी।
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  • VCBC
  • गिद्ध
  • डाईक्लोफेनाक

ताज ट्रैपेजियम जोन (TTZ)

सुप्रीम कोर्ट ने नीरी/ NEERI (राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान) को ताजमहल के आप-पास मौजूद कांच उद्योग के ताजमहल पर प्रभाव का आकलन करने का निर्देश दिया है।

  • सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी में समय-समय पर TTZ के लिए आदेश जारी किए थे (उदाहरण के लिए, TTZ के अंतर्गत उद्योगों में कोयला/ कोक पर प्रतिबंध, 1996)।

ताज ट्रैपेजियम जोन (TTZ) के बारे में

  • अवस्थिति: ताज ट्रैपेजियम जोन ताजमहल स्मारक के चारों ओर (ट्रेपीजॉयड या समलम्ब चतुर्भुज) लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर का अधिसूचित क्षेत्र है। इस अधिसूचित क्षेत्र का उद्देश्य प्रदूषण से ताजमहल को बेरंग होने से बचाना है। 
  • कवरेज: इस जोन में यूनेस्को की सूची में शामिल तीन विश्व धरोहर स्मारक (ताजमहल, आगरे का किला और फतेहपुर सीकरी) शामिल हैं।
  • केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत ताज ट्रैपेजियम जोन (निवारण और नियंत्रण) प्राधिकरण का गठन किया है।
  • क्षेत्रों की श्रेणियां: TTZ में क्षेत्रों को रेड, ग्रीन, ऑरेंज और व्हाइट जोन में श्रेणीबद्ध किया गया है।
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  • ताज ट्रैपेजियम जोन (TTZ)
  • NEERI

डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट

वैज्ञानिकों ने ग्रीनलैंड की बर्फ के नीचे छिपे एक महाद्वीप की खोज की है। इसे डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट नाम दिया गया है।

  • प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट “अपेक्षाकृत मोटे महाद्वीपीय स्थलमंडल के क्षेत्र होते हैं, जो पतले महाद्वीपीय स्थलमंडल के क्षेत्र द्वारा प्रमुख महाद्वीपों से पृथक होते हैं।”

डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट के बारे में

  • यह डेविस जलडमरूमध्य के नीचे स्थित नया खोजा गया जलमग्न माइक्रोकॉन्टिनेंट का खंड है।
    • डेविस जलडमरूमध्य लैब्राडोर सागर और बेफिन की खाड़ी को जोड़ता है।
  • शोधकर्ताओं का मानना है कि यह भूभाग प्राचीन टेक्टोनिक बदलावों के दौरान आंशिक रूप से अलग हो गया था, लेकिन यह आस-पास के महाद्वीपों से पूरी तरह से अलग नहीं हो पाया।
  • इसके परिणामस्वरूप, यह तलछट की परत और पानी के नीचे समुद्र के भीतर जलमग्न रहा।
  • Tags :
  • डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट
  • माइक्रोकॉन्टिनेंट

मेहरगढ़ पुरातात्विक स्थल

एक नई रेडियोकार्बन स्टडी में, मेहरगढ़ की कृषि बस्तियों की समयावधि 8000 ईसा पूर्व की जगह 5200 ईसा पूर्व बताई गई है। इस स्टडी में एक्सेलेरेटर मास स्पेक्ट्रोमेट्री (AMS) डेटिंग का उपयोग किया गया है। 

मेहरगढ़ पुरातात्विक स्थल के बारे में

  • यह एक नवपाषाण स्थल है, जो वर्तमान पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बोलन दर्रे के निकट स्थित है। 
  • इस स्थल से हड़प्पा सभ्यता से पहले लगभग 3000 साल तक निरंतर मानव बसावट के साक्ष्य मिले हैं।
  • स्थल की प्रमुख विशेषताएं:
    • प्रारंभिक कृषि बस्ती: यहां से गेहूं और जौ तथा पशुपालन के साक्ष्य मिले हैं।
      • यहां से कपास के सबसे प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं।
    • मेहरगढ़ से मिट्टी की ईंटों से बनी संरचनाओंशवाधान गृह, मृदभांड (जिन्हें तोगाऊ कहा जाता है) आदि के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं।
  • Tags :
  • मेहरगढ़
  • नवपाषाण स्थल

स्थायी जमा सुविधा (SDF)

भारतीय रिजर्व बैंक के तरलता प्रबंधन फ्रेमवर्क के रूप में स्थायी जमा सुविधा (SDF) को शुरू हुए तीन वर्ष हुए।

SDF के बारे में

  • SDF वस्तुतः तरलता प्रबंधन का एक साधन है। इसकी सहायता से अब RBI बिना किसी जमानत या संपार्श्विक/ सरकारी प्रतिभूतियों के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCBs) से तरलता को अवशोषित करता है। इसलिए, RBI प्रतिभूतियों को दिए बिना बैंकों से अधिशेष तरलता को कम कर सकता है। 
  • मुख्य विशेषताएं:
    • SDF ने फिक्स्ड रेट रिवर्स रेपो (FRRR) की जगह ली है। ज्ञातव्य है कि FRRR वस्तुतः तरलता समायोजन सुविधा (LAF) कॉरिडोर की न्यूनतम दर है।
    • यह क्षणिक प्रकृति की तरलता को अवशोषित करेगा, क्योंकि इसे ओवरनाइट के आधार पर संचालित किया जाएगा, लेकिन RBI चाहे तो इसकी अवधि को बढ़ा भी सकता है।
    • LAF के लिए पात्र सभी बैंक और संस्थाएं इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं।
    • SDF, ई-कुबेर पोर्टल के माध्यम से सार्वजनिक अवकाश और सप्ताहांत सहित सप्ताह के सभी दिनों में उपलब्ध रहेगा।
  • Tags :
  • तरलता प्रबंधन
  • स्थायी जमा सुविधा (SDF)

तंबाकू

सरकार ने 'तम्बाकू बोर्ड नियम, 1976' में संशोधन किया। अब वर्जीनिया तंबाकू उगाने वाले किसानों के पंजीकरण की वैधता 1 साल से बढ़ाकर 3 साल कर दी गई है।  

तम्बाकू के बारे में

  • माना जाता है कि तंबाकू की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका से हुई थी। दुनिया भर में तंबाकू की 60 से ज़्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • तंबाकू की खेती के लिए आदर्श दशाएं:
    • तापमान: 20°–27°C के बीच; 
    • वर्षा: न्यूनतम 500 मिमी; 1200 मिमी से अधिक वर्षा नुकसानदायक;
    • मृदा: रेतीली या रेतीली दोमट मृदा सर्वाधिक उपयुक्त;
    • अवधि: 90 से 120 दिनों की पाला-मुक्त अवधि।

भारत में उत्पादन

  • स्थिति: चीन के बाद भारत तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और अविनिर्मित तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
  • प्रमुख राज्य: मुख्य रूप से गुजरात (उत्पादन का 30%), आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बिहार में इसकी खेती की जाती है।
  • Tags :
  • तंबाकू
  • तंबाकू की उत्पत्ति
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