टाइक्सियन रीफ (Tiexian Reef) | Current Affairs | Vision IAS
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Posted 28 Apr 2025

Updated 29 Apr 2025

48 min read

टाइक्सियन रीफ (Tiexian Reef)

दक्षिण चीन सागर में चीन ने फिलीपींस के प्रमुख सैन्य आउटपोस्ट थिटू द्वीप (Thitu Island) के पास विवादित टाइक्सियन रीफ पर कब्जा किया। 

  • थिटू द्वीप को पग-आसा द्वीप (Pag-asa Island) भी कहा जाता है। 

टाइक्सियन रीफ के बारे में

  • अन्य नाम: सैंडी के (Sandy Cay)। यह स्प्रैटली द्वीप-समूह का हिस्सा है।
  • महत्त्व: चीन का दावा है कि सैंडी-के एक प्राकृतिक रीफ है, न कि मानव निर्मित। यदि चीन इस पर अपना अधिकार मजबूत करता है, तो फिर अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत इस रीफ के पास के 12 नॉटिकल मील (22 किलोमीटर) के प्रादेशिक जल क्षेत्र पर भी उसका अधिकार हो जाएगा। इसमें थिटू द्वीप के पास के जलक्षेत्र भी शामिल हो जाएंगे जो फिलीपींस के अधिकार क्षेत्र में है।
    • सैंडी-के के चारों ओर प्रादेशिक जल क्षेत्र पर दावा करने से निकटवर्ती सूबी रीफ (Subi Reef) पर भी उसका दावा मजबूत हो जाएगा। सूबी रीफ चीन के अधिकार क्षेत्र में सैन्यीकृत डीप वाटर पोर्ट है।
  • यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब फिलीपींस और संयुक्त राज्य अमेरिका "बलिकातन" (Balikatan) नाम से संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। 
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  • दक्षिण चीन सागर
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  • स्प्रैटली द्वीप-समूह

bank.in डोमेन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए विशिष्ट इंटरनेट डोमेन ‘.bank.in’ को अक्टूबर 2025 तक चालू करने का निर्णय लिया। 

‘bank.in’ डोमेन के बारे में

  • डिजिटल पेमेंट में धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए विशिष्ट 'bank.in' इंटरनेट डोमेन की शुरुआत की गई है।
  • इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना तथा डिजिटल बैंकिंग और भुगतान प्रणाली में जनता के विश्वास को बढ़ाना है।
  • नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) ने इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (IDRBT) को इस डोमेन के लिए एक्सक्लूसिव रजिस्ट्रार के रूप में अधिकृत किया है।
    • NIXI का पंजीकरण 2003 में हुआ था। वर्तमान में यह कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी संगठन है।
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  • कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8

रेड-क्राउंड रुफ्ड टर्टल

उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में लगभग 20 रेड-क्राउंड रुफ्ड टर्टल्स को छोड़ा गया। 

रेड-क्राउंड रुफ्ड टर्टल के बारे में

  • इसे बंगाल रुफ्ड टर्टल भी कहा जाता है। 
  • प्राप्ति क्षेत्र: यह भारत, बांग्लादेश और नेपाल का स्थानिक (Native) जीव है। 
    • वर्तमान में भारत के केवल राष्ट्रीय चंबल नदी घड़ियाल अभयारण्य में ही इस प्रजाति की अधिक संख्या पाई जाती है।
  • मुख्य विशेषताएं: यह टर्टल प्रजाति ताजे जल में पाई जाती है। यह प्रजाति आमतौर पर प्रबल वेग वाली गहरी नदी में पाई जाती है। यह प्रजाति जमीन पर अंडे देने आती है।  
  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट श्रेणी: क्रिटिकली एंडेंजर्ड। 
    • CITES: परिशिष्ट-I में सूचीबद्ध। 
  • मुख्य खतरे:
    • पर्यावास नष्ट होना,
    • मछली पकड़ने के गैर-कानूनी जालों में फंसना,
    • शिकार, आदि।
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  • बंगाल रुफ्ड टर्टल

महुआडांड़ भेड़िया अभ्यारण्य (Mahuadanr Wolf Sanctuary)

झारखंड के महुआडांड़ भेड़िया अभ्यारण्य में 'सरना आस्था' में विश्वास करने वाले आदिवासियों में वन और वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व में जीने की अनूठी मिशाल सामने आई है। 

  • दरअसल सर्दी के महीनों में साल (Sal) वृक्षों में फूल खिलते हैं। आदिवासी समूह अपनी सांस्कृतिक परंपरा के तहत इस मौसम में साल वन में जाने से बचते हैं, ताकि वन का संरक्षण हो सके। संयोगवश यह मौसम इंडियन ग्रे वुल्फ के प्रजनन और मांद बनाने (डेनिंग) का भी है। इस तरह साल वन के साथ-साथ इंडियन ग्रे वुल्फ का भी संरक्षण सुनिश्चित होता है।

महुआडांड़ भेड़िया अभ्यारण्य के बारे में

  • इसे 1976 में भेड़िया अभ्यारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था। यह भारत का पहला और एकमात्र भेड़िया अभ्यारण्य  है।
  • यह झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के भीतर स्थित है।
  • बुढ़ा नदी (Burha River) महुआडांड़ घाटी से होकर बहती है।

इंडियन ग्रे वुल्फ (भारतीय धूसर भेड़िये) के बारे में

  • इंडियन ग्रे वुल्फ, ग्रे वुल्फ की एक उप-प्रजाति है। यह दक्षिण-पश्चिम एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप (भारत, पाकिस्तान आदि) तक पाई जाती है।
  • ये शुष्क और अर्ध-शुष्क परिवेश- जैसे कि झाड़ीदार भूमि, घास के मैदान तथा कांटेदार जंगलों में पाए जाते हैं।
  • यह भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I के तहत संरक्षित है।
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  • महुआडांड़ भेड़िया अभ्यारण्य
  • इंडियन ग्रे वुल्फ

AIM4NatuRe पहल

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) पर ‘एक्सीलरेटिंग इनोवेटिव मॉनिटरिंग फॉर नेचर रेस्टोरेशन (AIM4NatuRe)’ पहल शुरू की। 

AIM4NatuRe पहल के बारे में

  • AIM4NatuRe एक्सीलरेटिंग इनोवेटिव मॉनिटरिंग फॉर नेचर रेस्टोरेशन (प्रकृति पुनर्स्थापन के लिए अभिनव निगरानी को तेज करना) का संक्षिप्त नाम है।
  • उद्देश्य: वैश्विक पारिस्थितिकी-तंत्र पुनर्स्थापन प्रयासों की निगरानी और रिपोर्टिंग में सुधार करना।
    • यह पहल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क (GBF) के लक्ष्य 2 में उल्लिखित 2030 तक कम-से-कम 30% खराब पारिस्थितिकी-तंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक, मानकीकृत डेटा फ्रेमवर्क और क्षमता विकास का लाभ उठाएगी।
  • यह FAO के AIM4Forests कार्यक्रम का हिस्सा है, जो प्रकृति पुनर्स्थापन निगरानी के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने हेतु वनों से परे दायरे का विस्तार करता है।
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  • खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)
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बंदर अब्बास बंदरगाह

हाल ही में, ईरान के शाहिद राजाई बंदरगाह पर "सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन" (मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाला) में विस्फोट हुआ। शाहिद राजाई बंदरगाह बंदर अब्बास बंदरगाह परिसर का एक हिस्सा है।

  • शाहिद राजाई बंदरगाह ईरान का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत टर्मिनल है।

बंदर अब्बास बंदरगाह के बारे में

  • अवस्थिति: यह दक्षिणी ईरान में चाबहार बंदरगाह के पश्चिम में स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य पर स्थित है।
    • दुनिया का 20 प्रतिशत तेल व्यापार यहीं से होकर गुजरता है।+
  • यह फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है।
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एजेंटिक AI

भारत एजेंटिक AI पेशेवरों की गंभीर कमी से जूझ रहा है, क्योंकि मांग में वृद्धि हो रही है। यह वृद्धि उन उन्नत AI एजेंट्स के कारण है, जो स्वायत्त निर्णय लेने में सक्षम हैं।

एजेंटिक AI के बारे में

  • एजेंटिक AI ऐसे AI सिस्टम को कहा जाता है, जो स्वायत्त रूप से निर्णय ले सकता है, कार्य कर सकता है और बदलते पर्यावरण के अनुसार स्वयं को अनुकूलित कर सकता है।
  • यह कई डेटा स्रोतों और तीसरे पक्ष के एप्लिकेशंस से विशाल मात्रा में डेटा को ग्रहण करता है तथा इसे स्वतंत्र रूप से चुनौतियों का विश्लेषण करने, रणनीतियां विकसित करने और कार्यों को निष्पादित करने के लिए उपयोग करता है।
  • यह समस्या-समाधान के लिए 4-चरणीय प्रक्रिया का उपयोग करता है: 
    • समझना (सार्थक विशेषताओं को निकालना, ऑब्जेक्ट्स को पहचानना, आदि), 
    • तर्क करना (कार्यों को समझना और समाधान उत्पन्न करना), 
    • कार्य करना (तैयार की गई योजनाओं के आधार पर कार्यों को निष्पादित करना), और 
    • सीखना (फीडबैक लूप के माध्यम से अनुकूलन करना)।
  • यह कंपनियों को 'सॉफ़्टवेयर-एज़-ए-सर्विस' से 'सर्विस-एज़-ए-सॉफ़्टवेयर' की ओर संक्रमण के माध्यम से उच्च मूल्य प्रदान करने में सक्षम बना सकता है।
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सेमी-क्रायोजेनिक इंजन

इसरो ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का दूसरा शॉर्ट हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया। यह लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM3) के सेमीक्रायोजेनिक बूस्टर स्टेज को शक्ति प्रदान करेगा। 

सेमी-क्रायोजेनिक इंजन क्या है? 

  • सेमी-क्रायोजेनिक इंजन क्रायोजेनिक और पारंपरिक इंजन के लाभों को मिलाकर काम करता है। इसमें हाइड्रोकार्बन-आधारित ईंधन (जैसे, केरोसिन) के साथ क्रायोजेनिक ऑक्सीडाइज़र (जैसे, लिक्विड ऑक्सीजन) का उपयोग किया जाता है। 
    • क्रायोजेनिक इंजन में ईंधन के रूप में तरल हाइड्रोजन और ऑक्सीडाइज़र के रूप में तरल ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है। इससे बिना किसी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन या प्रदूषण के 100% दक्षता मिलती है। 
  • उद्देश्य: क्रायोजेनिक और गैर-क्रायोजेनिक प्रणोदकों को मिलाकर प्रदर्शन एवं परिचालन सरलता के बीच संतुलन हासिल करना।
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  • सेमी-क्रायोजेनिक इंजन
  • लॉन्च व्हीकल मार्क-3

सैटेलाइट बस ऐज़ ए सर्विस

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने सैटेलाइट बस एज़ ए सर्विस (SBaaS) नामक एक नई पहल के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं।

सैटेलाइट बस एज़ ए सर्विस के बारे में

  • उद्देश्य: स्मॉल सैटेलाइट बस प्लेटफॉर्म्स को डिजाइन और विकसित करने हेतु भारतीय निजी अंतरिक्ष अभिकर्ताओं को अवसर प्रदान करना। इससे इन प्लेटफॉर्म्स पर दूसरे देशों या कंपनियों के उपकरण (पेलोड) लगाए जा सकेंगे। 
    • सैटेलाइट बस किसी उपग्रह का मुख्य भाग और संरचनात्मक घटक होता है, जिसमें वैज्ञानिक उपकरण लगाए जाते हैं।
  • महत्त्व: भारत के अंतरिक्ष क्षेत्रक के लिए पहुंच का लोकतंत्रीकरण करना और आयात पर निर्भरता कम करना।
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प्राचीन मुजिरिस बंदरगाह

मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट (MHP) में अहम भूमिका निभाने वाले प्रसिद्ध इतिहासकार एम. जी. एस. नारायण को केरल राज्य विधान सभा में श्रद्धांजलि दी गई।

प्राचीन मुजिरिस बंदरगाह के बारे में

  • यह वर्तमान केरल के मालाबार तट पर स्थित एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। यह पहली सदी ईसा पूर्व से आरंभिक मध्यकाल तक सक्रिय था।
  • यह मसाला व्यापार, विशेष रूप से काली मिर्च (जिसे अक्सर काला सोना कहा जाता था) के लिए प्रसिद्ध था।
  • निर्यात की अन्य वस्तुओं में अर्ध-कीमती पत्थर, हाथी दांत, मोती आदि शामिल थे।
  • यह बंदरगाह दक्षिण भारत को फारस, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और भूमध्यसागरीय (ग्रीक व रोमन व्यापारी) विश्व से जोड़ता था।
  • इसका उल्लेख प्लिनी द एल्डर के लेखों और पेरिप्लस ऑफ़ द एरिथ्रियन सी में किया गया है।
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  • मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट (MHP)
  • पेरिप्लस ऑफ़ द एरिथ्रियन सी
  • प्लिनी द एल्डर
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