वैज्ञानिकों ने विश्लेषण किया है कि कैसे और क्यों महाद्वीपों के स्थिर भाग (जिन्हें क्रेटन कहा जाता है) धीरे-धीरे ऊपर उठते हैं तथा ग्रह की कुछ सबसे बड़ी स्थलाकृतिक स्वरूपों, जैसे एस्कार्पमेंट एवं पठारों का निर्माण करते हैं।
- क्रेटन प्लेट टेक्टोनिक्स के सबसे कम समझे जाने वाले पहलुओं में से एक हैं।
निष्कर्ष क्या हैं?

- जब टेक्टोनिक प्लेट्स टूटती हैं, तो पृथ्वी के भीतर शक्तिशाली तरंगें उत्पन्न होती हैं, जो महाद्वीपीय सतहों को प्लेट सीमाओं से दूर एक किलोमीटर से अधिक ऊपर उठा सकती हैं।
- तंत्र: महाद्वीपीय भ्रंशन (दरार) (जैसे, अफ्रीकी भ्रंश घाटी में) पृथ्वी के क्रस्ट को फैलाता है। इससे एक 'डीप मेंटल वेव' बनती है, जो महाद्वीप के आधार के साथ लगभग 15-20 किलोमीटर प्रति मिलियन वर्ष की गति से गमन करती है।
- ये तरंगें महाद्वीपीय आधार से चट्टानों की परतों को हटाती हैं, जिससे उत्थान होता है।
- इन तरंगों से होने वाला अपरदन चट्टानों को हटाकर इस उत्थान को और बढ़ाता है, जिससे पठारों का निर्माण होता है।
प्लेट टेक्टोनिक सिद्धांत के बारे में
- इसे भूविज्ञान की ‘थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’ के रूप में भी जाना जाता है।
- यह वर्णित करता है कि पृथ्वी की भू-गर्भिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप प्रमुख भू-आकृतियां (जैसे ज्वालामुखी और भूकंप) कैसे बनती हैं।
- तंत्र: पृथ्वी की सबसे बाह्य परत (लिथोस्फियर), जो क्रस्ट और ऊपरी मेंटल से बनी है, का विखंडन बड़ी चट्टानी प्लेट्स में हो जाता है।
- ये प्लेट्स चट्टान की आंशिक रूप से पिघली हुई परत (एस्थेनोस्फीयर) के ऊपर तैरती रहती हैं।