आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने विद्युत क्षेत्रक को कोयला आवंटन के लिए संशोधित शक्ति/ SHAKTI नीति को अनुमोदित किया।
शक्ति/ SHAKTI:
- भारत में पारदर्शी तरीके से कोयला दोहन व आवंटन करने की योजना।
- इसे 2017 में कोयला मंत्रालय ने शुरू किया था। यह विद्युत क्षेत्रक को कोयला आवंटित करने का एक पारदर्शी तरीका है।
संशोधित शक्ति नीति की मुख्य विशेषताएं
- उद्देश्य: यह आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा देगी और विद्युत क्षेत्रक की कोयला मांगों को पूरा करने के लिए आयातित कोयले पर निर्भरता को कम करेगी।
- सरलीकृत आवंटन ढांचा: यह विद्युत क्षेत्रक में कारोबार को आसान बनाने के लिए पहले की 8 श्रेणियों को 2 सरलीकृत तंत्रों में समेकित करके कोयला आवंटन को सुव्यवस्थित करेगी।
- विंडो-I: केंद्र और राज्य सरकारों के स्वामित्व वाले ताप विद्युत संयंत्रों (जिनमें उनके संयुक्त उद्यम एवं सहायक कंपनियां भी शामिल हैं) को अधिसूचित कीमतों पर कोयला लिंकेज प्रदान किया जाना जारी रहेगा।
- विंडो-II: घरेलू या आयातित कोयले का उपयोग करने वाले उत्पादकों सहित सभी ताप विद्युत उत्पादक अब अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम का भुगतान करके नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से कोयला खरीद सकते हैं।
- अनिवार्य PPAs (पॉवर परचेज एग्रीमेंट) को समाप्त करना: विंडो-II के लिए, PPA की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। इससे निजी क्षेत्रक की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
- विद्युत क्षेत्रक की गतिशील कोयला मांगों को पूरा करना: नीलामी में 12 महीनों से लेकर 25 साल तक की अवधि के लिए खरीद की अनुमति होगी।
- ‘पिटहेड’ विद्युत संयंत्रों को प्राथमिकता: यह नीति, ब्राउनफील्ड विस्तार का समर्थन करने के अलावा, मुख्य रूप से पिटहेड स्थलों पर यानी कोयला स्रोत के नजदीक ग्रीनफील्ड थर्मल पावर परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा देगी।
कोयला क्षेत्रक में किए गए अन्य प्रमुख सुधार
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