हाल ही में, इसमें निम्नलिखित कृषि प्रणालियों को शामिल किया गया है:
- ब्राजील में एरवा-माटे पादप के लिए पारंपरिक कृषि वानिकी प्रणाली;
- चीन में पर्ल मसेल्स (एक मोलस्क), सफेद चाय और नाशपाती के लिए विशेष खेती प्रणालियां;
- मेक्सिको में महत्वपूर्ण खाद्य फसलों और जैव विविधता को संरक्षित करने वाली पारंपरिक प्रणाली; तथा
- स्पेन के लैंजारोटे द्वीप के ज्वालामुखीय क्षेत्र में एक विशिष्ट कृषि प्रणाली।
वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणालियां (GIAHS) प्रोग्राम के बारे में

- उत्पत्ति: इसे 2002 में विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन में शुरू किया गया था। इसे फैमिली फार्मर्स और पारंपरिक कृषि प्रणालियों को गंभीर वैश्विक प्रवृत्तियों से बचाने के लिए शुरू किया गया है।
- उद्देश्य: पारंपरिक कृषि प्रणालियों को जलवायु परिवर्तन, समुदायों के विस्थापन और जैव विविधता की हानि जैसे खतरों से बचाना।
- दृष्टिकोण: इसमें बहु-हितधारक दृष्टिकोण को अपनाते हुए GIAHS के तहत निम्नलिखित प्रदान किया जाता है:
- कृषि समुदायों को तकनीकी सहायता।
- पारंपरिक कृषि संबंधी ज्ञान के महत्त्व को बढ़ावा।
- कृषि उत्पादों, कृषि पर्यटन और बाजार संबंधी अन्य अवसरों के लिए बाजारों को प्रोत्साहन।
- वर्तमान स्थिति: वर्तमान में 28 देशों में 95 GIAHS प्रणालियां हैं। इनमें भारत की निम्नलिखित प्रणालियां शामिल हैं:
- कश्मीर की केसर विरासत;
- ओडिशा की कोरापुट पारंपरिक कृषि; तथा
- केरल की कुट्टनाड वेटलैंड कृषि प्रणाली (धान की खेती समुद्र तल से नीचे लवणीय जल में डेल्टाई दलदलों को सूखाकर प्राप्त की गई भूमि पर की जाती है।)
फैमिली फार्मिंग और पारंपरिक कृषि को क्यों संरक्षित किया जाए?
- खाद्य सुरक्षा: फसल की किस्मों को संरक्षित और संसाधनों का संधारणीय उपयोग करते हुए विविधतापूर्ण व पौष्टिक तत्वों से संपन्न भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु।
- आय सुरक्षा: देशज लोगों सहित कृषि पर निर्भर 2.5 बिलियन लोगों के जीवन एवं आजीविका की सुरक्षा को बढ़ने हेतु।
- सांस्कृतिक विरासत: आधुनिक कृषि के विकल्प प्रस्तुत करते हुए वैश्विक समुदायों, संस्कृतियों, इतिहास और परंपराओं में व्यापक विविधता का संरक्षण करने हेतु।
- नवाचार का आधार: समकालीन और भविष्य के कृषि संबंधी नवाचार एवं प्रौद्योगिकियों के लिए आधार प्रदान करने हेतु।
मौजूदा समय में, फैमिली फार्मिंग और पारंपरिक कृषि प्रणालियों को संरक्षित करना पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि युवा पीढ़ी तेजी से शहरों की ओर पलायन कर रही है। फैमिली फार्मिंग की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने 2019-2028 को “संयुक्त राष्ट्र फैमिली फार्मिंग दशक” घोषित किया है।