संयुक्त राज्य अमेरिका में वैज्ञानिकों ने पहली बार गंभीर बीमारी से ग्रसित एक बच्चे के इलाज के लिए व्यक्तिगत CRISPR-आधारित जीन-एडिटिंग थेरेपी का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया। यह बच्चा CPS1 डेफिशियेंसी नामक एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार से पीड़ित था।
- CPS1 डेफिशियेंसी एक आनुवंशिक विकार है, जिसमें लीवर प्रोटीन चयापचय से उपोत्पादों को तोड़ने में संघर्ष करता है। इसके परिणामस्वरूप रक्त में विषाक्त अमोनिया का निर्माण होता है।
जीन एडिटिंग थेरेपी क्या है?
- यह आनुवंशिक इंजीनियरिंग (Genetic engineering) से संबंधित है, जिसमें जीवों के डीएनए को मॉडिफाई करने की प्रक्रिया शामिल है। इसमें आनुवंशिक दोषों को ठीक करना, जीन एक्सप्रेशन को बदलना या नई आनुवंशिक सामग्री को शामिल करना शामिल है।
- उपचार की यह विधि सिकल सेल एनीमिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस और कुछ विशेष प्रकार कैंसर के इलाज की संभावना प्रदान करती है।
- डीएनए में मुख्यतः दो प्रकार के मॉडिफिकेशन होते हैं:
- सोमैटिक जीन एडिटिंग: यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें गैर-प्रजनन (सोमैटिक) कोशिकाओं (जैसे- त्वचा, यकृत या रक्त कोशिकाओं) के डीएनए को संपादित किया जाता है। इसका अर्थ है कि इन कोशिकाओं में जीन को बदला जाता है, ताकि किसी व्यक्ति में विशिष्ट ऊतकों या अंगों को प्रभावित करने वाली बीमारी या स्थिति का इलाज किया जा सके।
- जीन में परिवर्तन केवल उपचारित व्यक्ति तक ही सीमित होते हैं और संतानों में नहीं जाते हैं।
- जर्मलाइन जीन एडिटिंग: इसमें रिप्रोडक्टिव (प्रजनन) कोशिकाओं (शुक्राणु व अंडे) या प्रारंभिक अवस्था के भ्रूण के डीएनए को संपादित करना शामिल है, जिससे उस भ्रूण से विकसित होने वाले व्यक्ति की सभी कोशिकाएं प्रभावित होती हैं।
- परिवर्तन वंशानुगत होते हैं यानी भविष्य की पीढ़ियों को हस्तांतरित होते हैं। ऐसा इस कारण, क्योंकि यह सोमैटिक और रिप्रोडक्टिव कोशिकाओं (Somatic & Reproductive cells) सहित संपूर्ण जीव की आनुवंशिक संरचना को बदल देती है।
- सोमैटिक जीन एडिटिंग: यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें गैर-प्रजनन (सोमैटिक) कोशिकाओं (जैसे- त्वचा, यकृत या रक्त कोशिकाओं) के डीएनए को संपादित किया जाता है। इसका अर्थ है कि इन कोशिकाओं में जीन को बदला जाता है, ताकि किसी व्यक्ति में विशिष्ट ऊतकों या अंगों को प्रभावित करने वाली बीमारी या स्थिति का इलाज किया जा सके।
- जीन एडिटिंग किस प्रकार की जाती है: (चित्र देखें)
- प्रयुक्त उपकरण: CRISPR-Cas9 (लक्षित स्थानों पर DNA को काटने के लिए गाइड RNA और Cas9 न्यूक्लियस का उपयोग करता है); जिंक फिंगर न्यूक्लियस (ZFNs); TALENs, आदि।
